कोटा। प्रदेश सरकार की ओर से चलाए जा रहे सघन पौधारोपण महाअभियान की रफ्तार धीमी चल रही है। एक ओर कई विभाग अपने लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ विभाग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक पौधारोपण की शुरूआत भी नहीं की। सरकारी विभागों द्वारा पौधारोपण को लेकर गंभीरता की कमी और शिथिलता से अभियान पिछड़ रहा है। वहीं कोटा जिले में पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल के लिए कोई पुख्ता इंतजाम भी नहीं किए गए हैं। ऐसे में सरकार की ओर से विभागों को दिए गए बड़े बड़े लक्ष्यों को कैसे पूरा किया जाएगा या हर बार की तरह इस बार कागजों में ही अभियान को खत्म कर दिया जाएगा। कुछ विभागों ने अभी तक शुरू नहीं किया पौधारोपण: प्रदेश भर में पौधारोपण अभियान 1 जुलाई से शुरू हो गया है। लेकिन कुछ विभाग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक एक भी पौधारोपण नहीं किया है। पौधारोपण के लिए जिले में जिला परिषद विभाग को नोडल विभाग बनाया था। जिसके आंकड़ों अनुसार कोटा में सार्वजनिक निर्माण विभाग, सिंचित क्षेत्र विकास विभाग (सीएडी), महिला एवं बाल विकास विभाग और नगर निकाय ने अभी तक पौधारोपण की शुरूआत नहीं की है। इन सभी विभागों को मिलाकर कुल 60 हजार से ज्यादा पौधारोपण का लक्ष्य है। वहीं कुछ विभागों के पौधारोपण की स्थिति बहुत धीमी है।
ये है पौधारोपण की स्थिति
विभाग लक्ष्य अभी तक लगाए गए
चिकित्सा विभाग 17875 5300
खान व भू विज्ञान 15000 4050
राजीविका 50000 37470
जल ग्रहण भू संरक्षण 20000 1250
पीडब्लूडी 20000 0
उद्यानिकी 10000 3300
सीएडी 2825 0
वन विभाग 655300 500000
जल संसाधन 2030 150
महिला बाल विकास 2490 0
कृषि विभाग 10000 4000
शिक्षा विभाग 757162 115312
नगरीय निकाय 32000 0
वन विभाग ने लगाए 5 लाख से ज्यादा पौधे
इस पौधारोपण अभियान के दौरान अब तक सबसे ज्यादा पौधे वन विभाग की ओर से लगाए गए हैं। विभाग अब तक 5 लाख से ज्यादा पौधारोपण कर चुका है। लेकिन इस पौधारोपण में भी आंकड़ों का खेल नजर आता है, क्योंकि वन विभाग की ओर से लगाए गए 5 लाख पौधे कहीं नजर नहीं आते। साथ ही इतनी संख्या में पौधे लगाने के लिए इतने गड्ढे करने की आवश्यकता है, जो बिना मैनपावर के संभव नहीं। ऐसे में वन विभाग की ओर से जारी किए गए आंकडों की माने तो इन पौधों को ना ठीक से लगाया गया है ना इनकी सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था की गई है। सवाल है कि आखिर कहां लगा दिए पांच लाख पौधे।
पौधारोपण की मॉनिटरिंग के लिए बनाई है जिओ टेगिंग
राज्सथान सरकार की ओर से फर्जी आंकड़ों और पौधारोपण से बचने के लिए जिओ टैगिंग की व्यवस्था की गई है। जिसके तहत हर पौधे की जानकारी जिओ टैगिंग के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से बनाए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान पोर्टल पर डालनी होती है। वहीं इस व्यवस्था में एक कोर्डिनेशन पर एक ही पौधा लगाया जा सकता है। उसी कोर्डिनेट पर दूसरा पौधा लगाने पर पोर्टल जानकारी नहीं लेगा।
उत्तर निगम और केडीए में लक्ष्य और स्थान तय नहीं
कोटा जिला परिषद के तहत केवल ग्रामीण क्षेत्र और सरकारी विभागों को जिम्मा है। नगर निगम और कोटा विकास प्राधिकरण अपने स्तर पर पौधारोपण का कार्य करना है। इस अभियान में कोटा विकास प्राधिकरण और नगर निगम उत्तर की ओर से अभी तक कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है। हालांकि दक्षिण नगर निगम ने अपनी ओर से करीब 2.5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। जिसमें से भी अभी तक केवल 15 हजार पौधे ही लग पाए हैं। इस मसले पर अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पाया।
इनका कहना है
पौधारोपण के लिए सभी विभागों को लक्ष्य निर्धारित हैं, किसी विभाग को समस्या होती है तो समाधान करते हैं। कुछ विभागों के आंकड़ें प्राप्त नहीं हुए हैं। अब उन विभागों ने पौधारोपण शुरू किया है या नहीं इसकी जनकारी नहीं है।
– अशोक त्यागी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद कोटा