स्कूलों में अब नहीं होंगी सर्दी की छुट्टियां

जयपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों को सही करने का प्रयास राज्य सरकार ने तेज कर दिए हैं। इसके लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की परीक्षाओं के परिणाम में पिछड़ने वालों शिक्षकों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा और विभाग ने इस संबंध में डेटा भी मांगा है। स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग नए-नए काम कर रहा है, जिसके तहत ही विभाग ने यह कार्य किया है। 

आंकड़ा एक लाख शिक्षकों तक
शिक्षा विभाग ने एक लाख शिक्षकों के बोर्ड परीक्षा परिणाम की जानकारी मांगी है। इसमें 19 हजार सैकेंडरी व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों का बोर्ड परीक्षा परिणाम जांचने का काम करेंगे। इस दौरान कम परिणाम पर संस्था प्रधानों, बोर्ड कक्षाओं के शिक्षकों पर सख्ती की तैयारी भी शुरू कर दी है। 

यह दिया समय 
विभाग कम परिणाम पर शिक्षकों को नोटिस देगा तो स्कूलों की रैंकिंग भी निर्धारित करेगा। रिजल्ट की जानकारी देने के लिए 16 नवंबर तक की तिथि निर्धारित की है। जिसके तहत संस्था प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई होगी तो रिजल्ट के आधार पर ही स्कूलों की रैंकिंग निर्धारित की जाएगी। संस्था प्रधानों का 90 फीसदी या इससे अधिक परिणाम होने पर श्रेष्ठ मानेंगे। जबकि 10वीं व 12वीं के शिक्षकों के 100 फीसदी परिणाम को श्रेष्ठ मानेंगे। साथ ही न्यून परिणाम वाले संस्था प्रधानों और शिक्षकों को नोटिस जारी होगा।

यह हुआ था मामला 
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की दसवीं साइंस की परीक्षा में कॉपियों की बिना जांच किए परीक्षक द्वारा मन माफिक नंबर देने के मामले में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, भगवानगंज अजमेर की विज्ञान की वरिष्ठ अध्यापक श्रीमती निमिषा रानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया था। रानी ने माध्यमिक परीक्षा 2024 में विज्ञान विषय की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं कर केवल योग में अंक प्रदान किया जो कि गंभीर लापरवाही है। इनके विरुद्ध मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर विभागीय जांच प्रारंभ करते हुए इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया था।

फैक्ट फाइल : प्रदेश के आंकड़े 
प्रदेश में 69 हजार सरकारी स्कूलों में करीब 90 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत है।
स्कूल शिक्षा विभाग में 4,05,633 कार्मिक कार्यरत। 30 फीसदी महिला यानी सवा लाख है।

 

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