प्रदेश में पहली बार सरकारी-प्राइवेट स्कूलों में होगा हिन्दी ओलम्पियाड

कोटा। प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पहली बार हिन्दी विषय में ओलम्पियाड शुरू किया जाएगा। अब तक अंग्रेजी, गणित और  विज्ञान में ही ओलम्पियाड होता था। लेकिन इस बार शिक्षा सत्र 2024-25 से हिन्दी ओलम्पियाड शुरू होगा।  इस संबंध में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक ने सभी जिलोें को निर्देश जारी कर दिए हैं। दरअसल, हिन्दी को बढ़ावा देने और भारतीय ज्ञान, संस्कृति और वैदिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने के लिए इसका आयोजन किया जाएगा। हिन्दी ओलम्पियाड  का आयोजन हिन्दी ओलम्पियाड फाउंडेशन नई दिल्ली की ओर से किया जाएगा। 

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी परीक्षा 
हिन्दी ओलम्पियाड परीक्षा स्कूल से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो चरणों में होगी। इसके तहत स्कूल स्तर पर कक्षा-1 व 2 के विद्यार्थियों की परीक्षा एक चरण में तथा कक्षा-3 से 10वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा 2 चरणों में होगी। विद्यालय स्तर पर आयोजित परीक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली  द्वितीय चरण की परीक्षा के लिए नामांकित किया जाएगा और यह परीक्षा हिन्दी ओलम्पियाड फाउंडेशन द्वारा आयोजित करवाई जाएगी।  

गणित-विज्ञान के बाद अब हिन्दी ओलम्पियाड
पूर्व जिला शिक्षाधिकारी यतीश विजय ने बताया कि अब तक अंग्रेजी, विज्ञान व गणित विषय में ही ओलम्पियाड का आयोजन होता रहा है।  यह पहली बार है कि हिन्दी विषय में ओलम्पियाड होगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग में तैयारियां भी की जा रही है। सरकार के इस प्रयास से देश ही नहीं विदेशों में भी हिन्दी का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा। इस तरह के आएंगे प्रश्न: हिन्दी ओलम्पियाड फाउंडेशन की राष्ट्रीय संयोजिका हेमलता ने बताया कि परीक्षा में हिन्दी व्याकरण, व अभ्यास प्रश्न आदि पूछे जाएंगे। प्रश्नों से संबधित ऑनलाइन साम्रगी ओलपियाड की  वेबसाइट पर उपलब्ध है। विद्यालय स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र व मेडल से नवाजा जाएगा।

क्या कहते हैं शिक्षा अधिकारी
राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति-2020 में मातृभाषा का व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया है। हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी ओलम्पियाड करवाना सरकार का  सराहनीय प्रयास है। इस परीक्षा से बच्चों में सृजनशिलता आएगी। विद्यार्थी बाल कहानियां, महापुरूषों की जीवनी, संस्मरण, निबंध, आत्मकथा, लेख-डायरी, यात्रा-वृतांत, रेखा चित्र आदि विधाएं लिखेंगे तो उनकी हिन्दी के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ेगी। गांव-ढाणी से शहरी स्कूलों के विद्यार्थी ओलम्पियाड में शामिल होने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा निखारने का मौका मिलेगा। मातृभाषा को देश के कौने-कौने में पहुंचाने में सरकार का यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा।
-तेज कंवर, संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा कोटा संभाग

अंग्रेजी-विज्ञान और गणित के बाद पहली बार हिन्दी ओलम्पियाड करवाए जाना सरकार का सराहनीय प्रयास है। विद्यार्थियों में हिन्दी के प्रति रुझान बढ़ेगा और इस विषय के शिक्षकों को भी प्रतिभाएं निखारने का मौका मिलेगा। इससे देश ही नहीं विदेशों में भी हिन्दी का व्यापक प्रचार प्रसार होगा। विद्यार्थियों के समग्र विकास में यह प्रयास कारगर साबित होगा। 
-यतीश विजय, पूर्व जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक

शिक्षा निदेशालय से इस संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। हिन्दी का व्यापक प्रचार-प्रसार व लोगों में मातृभाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार की अच्छी पहल है। कोटा जिले में प्रभावी रूप से ओलम्पियाड का आयोजन करवाया जाएगा। हालांकि, परीक्षा आयोजन की तिथि को लेकर अभी टाइम प्रेम नहीं आया है, जैसे ही निदेशालय से तिथि घोषित होगी वैसे ही परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। 
-केके शर्मा, मुख्य जिला शिक्षाधिकारी कोटा 

एक्सपर्ट व्यू 
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ओलंपियाड का आयोजन स्कूली विद्यार्थियों के हित में महत्वपूर्ण एवं दूरगामी निर्णय है। हिन्दी, सृजनात्मक एवं बोधगामी भाषा है। इसमें शब्दार्थ के अतिरिक्त भावार्थ भी हैं और यह भावार्थ ही विद्यार्थी की बौद्धिक-क्षमता एवं क्रियात्मकता के विकास का मूल मंत्र है। मुंशी प्रेमचंद की जीवन यथार्थता से जुड़ी कहानियां, हरिशंकर परसाई का व्यंग-लेखन व के.पी सक्सेना जैसे रचनाकारों का हास्य विद्यार्थी को जीवन के विभिन्न रंगों से रूबरू कराता है, जो विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। हिंदी वस्तुत: जीवन उमंग एवं ऊर्जा की भाषा है एवं विद्यार्थी जीवन में तनाव मुक्ति का श्रेष्ठ साधन है।
-देव शर्मा, शिक्षाविद्, बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

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