मान्यता की तलवार, एलएलबी के लिए इंतजार

कोटा। बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता नहीं मिलने के कारण हाड़ौती के सभी राजकीय विधि महाविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। जबकि, कोटा विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के यूजी के परीक्षा परिणाम जारी हो चुके हैं। ऐसे में हजारों विद्यार्थी एलएलबी प्रथम वर्ष में एडमिशन के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के इंतजार में हैं।  दरअसल, एलएलबी प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए बीसीआई की मान्यता चाहिए होती है, जो अब तक नहीं मिल सकी। जबकि, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज कोटा ने गत वर्ष दिसम्बर माह में ही आवेदन कर दिया था। एडमिशन को लेकर विद्यार्थियों को कॉलेज के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। 

हर वर्ष मान्यता के बाद ही शुरू होती प्रवेश प्रक्रिया
विधि शिक्षकों के अनुसार, विधि कॉलेजों को मान्यता देने  से पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रत्येक महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या का निर्धारण किया जाता है। शिक्षकों की संख्या व योग्यता, संसाधनों, पुस्तकालय व अन्य बिंदुओं पर विचार किया जाता है। डिपार्टमेंट ऑफ कॉलेज एजुकेशन द्वारा एनओसी,  विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता व बीसीआई से मान्यता प्राप्त कर लेने के बाद ही प्रतिवर्ष प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है। 

वर्ष 2022 में अगस्त में शुरू हो गए थे एडमिशन
हाड़ौती में तीन राजकीय विधि महाविद्यालय हैं। जिनमें कोटा, बूंदी और झालावाड़ शामिल हैं। सभी कॉलेजों में पिछले साल भी एडमिशन प्रक्रिया देरी से शुरू हुई थी। जबकि, वर्ष 2022 में अगस्त के प्रथम सप्ताह में ही मान्यता मिल गई थी और 16 अगस्त से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई थी। वहीं, वर्ष 2023 में 6 सितम्बर को बीसीआई से मान्यता मिलने के बाद एडमिशन प्रोसेज प्रारंभ हुए थे।  वर्तमान में वर्ष 2024 में सितम्बर माह शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक न तो मान्यता मिली और न ही एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो सकी। 

कॉलेजों के चक्कर काट रहे विद्यार्थी
एलएलबी प्रथम वर्ष में विद्यार्थियों को यूजी व पीजी के आधार पर एडमिशन मिलता है। राजकीय महाविद्यालयों में यूजी फाइनल इयर के परीक्षा परिणाम करीब डेढ़ माह पहले ही जारी हो चुके हैं। वहीं, पीजी में कुछ विषयों के रिजल्ट आ चुके हैं। ऐसे में यूजी के आधार पर कई विद्यार्थी एलएलबी प्रथम वर्ष में दाखिला लेने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में कई अभ्यर्थी लॉ कॉलेजों के चक्कर काट रहे हैं।

प्रथम वर्ष में बढ़े सीटें 
छात्रसंघ अध्यक्ष मीणा ने बताया कि पहले कॉलेज में 2 कमरे थे, जिसकी वजह से प्रथम वर्ष में 120 सीटें ही मिल सकी थी। लेकिन, वर्तमान में 5 कक्षा-कक्ष हैं। ऐसे में कॉलेज प्रशासन को फर्स्ट ईयर की सीटें बढ़वाकर 240 करने और पीजी संकाय शुरू करने के प्रयास करने चाहिए। 

यूजी के आधर पर 80% सीटों पर एडमिशन 
राजकीय विधि महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव मीणा ने बताया कि कोटा लॉ कॉलेज में एलएलबी फर्स्ट ईयर में 120 सीटें निर्धारित हैं। जिनमें 80 प्रतिशत सीटों पर दाखिला यूजी व 20 प्रतिशत सीटों पर पीजी के आधार पर एडमिशन दिए जाते हैं। जनरल, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के विद्यार्थियों के लिए 45 प्रतिशत तथा एससी-एसटी वर्ग में 42 प्रतिशत अंक अर्जित करने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे। एडमिशन मेरिट के आधार होगा। 

हर साल 600 से ज्यादा आते आवेदन 
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हरिओम मीणा ने बताया कि गवर्नमेंट लॉ कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा कॉलेज होने से यहां हाड़ौतीभर से बड़ी संख्या में छात्र एलएलबी में दाखिले के लिए आवेदन करते हैं। हर वर्ष 500 से 600 छात्र आवेदन करते हैं। लेकिन, प्रथम वर्ष में 120 ही सीटें होने से बड़ी संख्या में छात्र एडमिशन से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में सीटें बढ़ना अत्यंत आवश्यक हैं। 

क्या कहते हैं विद्यार्थी 
गवर्नमेंट कॉलेज आटर्स के छात्र अक्षय प्रजापति, बुद्धि प्रकाश मीणा, रघुवीर मालव व कोटा विवि के लोकेश कुमार, प्रियांशी का कहना है, बीए फाइनल का परिणाम जारी होने के बाद से ही एलएलबी प्रथम वर्ष में दाखिला लेने का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए कई बार विधि महाविद्यालय भी गए लेकिन वहां पता लगा कि अभी तक बीसीआई से एडमिशन प्रोसेज शुरू करने की अनुमति नहीं मिली। डेढ़ माह से इंतजार कर रहे और कॉलेज आने जाने में समय खराब हो रहा है। कॉलेज प्रशासन को इसके लिए जल्द प्रयास करना चाहिए। 

बार काउंसिल ऑफ इंडिया से प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति के लिए आवेदन किया जा चुका है। 2 सितम्बर को बीसीआई द्वारा कॉलेज का ऑनलाइन निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद जल्द ही मान्यता मिल जाएगी और इसी के साथ प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।  
– राजकुमार उपाध्याय, प्राचार्य राजकीय विधि महाविद्यालय कोटा

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