मोदी सरकार का रोडमैप: पिछले 10 साल,अभी के 100 दिन और अगले 23 साल का सपना


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन है. उनके नेतृ्त्व में बनी एनडीए की सरकार ने आज अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए. नरेंद्र मोदी की सरकार देश की ऐसी पहली गैर कांग्रेसी सरकार है,जो लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है. इस साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 में भारत की आजादी के सौ साल पूरे होने तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का खाका खींचा था.युवा, गरीब, महिलाएं और किसान इस विकसित भारत का आधार स्तंभ बताए गए थे. आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के पहले दो कार्यकाल, तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन की प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं और उनका विकसित भारत का सपना क्या है. 

पहले 10 साल के सात माइल स्टोन

नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.पीएम मोदी के 10 साल के कार्यकाल में देश ने कई उपलब्धियां हासिल कीं, जिन्हें सदियों तक याद रखा जाएगा. इस दौरान सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 को निरस्त करने जैसे कई कड़े फैसले भी लिए,जिन्हें ले पाना किसी भी सरकार के लिए आसान नहीं था.

अर्थव्यवस्था की उछाल 

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने जब 2014 में सत्ता छोड़ी तो भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें नंबर की अर्थव्यस्था थी. लेकिन नरेंद्र मोदी की कुशल आर्थिक नीतियों और फैसलों का कमाल था कि भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.साल 2023 में भारत की जीडीपी 3.73 ट्रिलियन डॉलर की थी.पीएम मोदी का लक्ष्य इसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का है. 

यूपीआई की डिजिटल क्रांति

नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक है. भारत में ऑनलाइन लेन-देन का चलन बढ़ता जा रहा है.यूपीआई के जरिए हम आज साल के 365 दिन और 24 घंटे किसी भी समय डिजिटल लेन-देन कर सकते हैं. इस साल अगस्त में यूपीआई के जरिए दो लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ था.अगस्त तक इससे 608 बैंक जुड़े हुए थे. भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड के साथ मिलकर 2029 तक यूरपीआई को 20 देशों तक ले जाने की दिशा में काम कर रहा है.

अयोध्या में राम मंदिर

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 22 जनवरी को आयोजित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए.अयोध्या में राम मंदिर करा निर्माण बीजेपी के प्रमुख चुनावी वादों में से एक था. इस वादे को बीजेपी ने पीएम मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पूरा किया. 

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तीन तलाक से मुक्ति

तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 21 जून, 2019 को लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) बिल, 2019 पेश किया था. इस बिल के पारित होने के साथ ही भारत से तीन तलाक की प्रथा खत्म हो गई. इस कानून के जरिए संसद ने तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक बताते हुए उसे अपराध घोषित कर दिया.इसका दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है.

महिलाओं को आरक्षण

मोदी सरकार ने लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देने का रास्ता साफ किया है. महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और सूबों की विधानसभाओं में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए सीधे चुनाव से भरी जाएंगी. महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में से एक-तिहाई सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

अनुच्छेद 370 को निरस्त करना

मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के लिए बने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया है. इस अनुच्छेद के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था.इसे सरकार ने अगस्त 2019 में विधेयक लाकर निरस्त कर दिया. इससे जम्मू कश्मीर में लागू उसके संविधान को भी हटा दिया गया है. मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर नाम से दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया. 

योग की पताका पूरी दुनिया में फहराई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर 2014 को हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव पास किया. भारत के इस प्रस्ताव को यूएन के 177 सदस्य देशों का समर्थन मिला था. भारत का यह प्रस्ताव केवल 90 दिन में ही पूर्ण बहुमत से पारित हुआ था. 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला इसलिए लिया गया था, क्योंकि उस दिन उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन होता है.

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तीसरे कार्यकाल के 100 दिन

नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार सत्ता में आने से पहले से ही अपनी तीसरी सरकार की कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी थी.आम चुनाव में जाने से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों और मंत्रियों की बैठक में अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन का रोडमैप बनाने का निर्देश दिया था. यह तीसरी बार सत्ता में वापस लौटने को लेकर उनका आत्मविश्वास था.नरेंद्र मोदी के नौ जून, 2024 को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सरकार का फोकस सड़क, रेल, बंदरगाह व हवाई मार्ग आठ हाई स्पीड रोड कॉरिडोर को मंजूरी देने पर था.इसके अलावा उसका जोर किसान और बुनियादी संरचना विकास पर भी है. इसे ही ध्यान में रखते हुए सरकार ने पहले 100 दिनों में तीन लाख करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की घोषणा की है. सरकार की इन परियोजनाओं में बंदरगाह का निर्माण, करीब एक लाख करोड़ की लागत से गांवों को जोड़ने की योजना और बड़ी सड़कों का निर्माण शामिल है.इस दौरान सरकार ने बंगलुरु, पुणे, ठाणे जैसे कई शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. 

किसान कल्याण

किसान सम्मान योजना में साढ़े नौ करोड़ किसानों को 20 हजार करोड़ दिए गए हैं.इसके तहत अबतक 12 करोड़ 33 लाख किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.सरकार ने खरीफ सीजन 2024-25 के लिए 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाया.धान का एमएसपी 117 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. 
मोदी सरकार ने मक्के से इथनॉल बनाने के लिए सहकारी चीनी मिलों को ट्रांसफॉर्म किया है. सरकार का कहना है कि चीनी की जरूरत पूरी हो जाने पर ही गन्ने से इथनॉल बनाया जाएगा.सरकार ने प्याज और बासमती चावल के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य घटा दिया है.

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बजट की घोषणाएं

सात लाख तक की आय को कर मुक्त किया गया है.मोदी सरकार ने सैन्य कर्मियों के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ की तीसरा संस्करण लागू किया है.लोगों को आवास मुहैया कराने की दिशा में तीन करोड़ घर पीएम आवास योजना के तहत स्वीकृत किए गए हैं.सरकार ने ढाई लाख घरों में सोलर सिस्टम लगवाए हैं. इसके अलावा 3400 करोड़ की पीएम ई-बस सेवा योजना शुरू की गई है.सरकार ने ‘आयुष्मान भारत’ के पात्रों में 70 साल से अधिक आयु के लोगों के वरिष्ठ नागरिकों को भी शामिल कर लिया गया है.इस योजना के तहत पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष स्वास्थ्य बीमा कवर किया जाता है. बीजेपी ने इसका जिक्र अपने घोषणा पत्र में किया था. 

साल 2027 तक विकसित भारत का सपना 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से’विकसित भारत 2047′ का खांका खींचा. उन्होंने कहा था कि भारत 2047 तक विकसित देश बन जाएगा.भारत को विकसित बनाने के लिए चार स्तंभ युवा, गरीब, महिलाएं और किसान बताए गए हैं.विकसित भारत का आशय भारत को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने से है.यह देश के लिए नई आजादी जैसा होगा. इससे गरीबी और गुलामी की मानसिकता से आजादी मिलेगी. 

किस ऊंचाई तक जाएगी अर्थव्यवस्था

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयां देनी होंगी.इसके लिए सरकार का जोर उद्यमिता विकास, नवाचार और प्रतियोगी भावना विकसित कर पर है. पर्यावरण को सुरक्षित बनाना सरकार के विकसित भारत के एजेंडे में शामिल है. पीएम मोदी ने इस साल लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा था कि भारत ने 2015 के पेरिस समझौते के तहत लक्ष्य को समय से पहले ही हासिल कर लिया है. उन्होंने कहा था कि ऐसा करने वाला भारत जी-20 देशों में से पहला देश है. 

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सरकार का लक्ष्य प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखते हुए जलवायु परिवर्तन के असर को कम करना है. जैव विविधता को बचाना भी सरकार के ऐजेंडे में शामिल है.सरकार ने 500 गीगावाट सोलर पावर उत्पादन का लक्ष्य रखा है.इससे इस क्षेत्र में नौकरियां भी आएंगी. इससे बेरोजगारी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी.

देश के नागरिकों को न्याय, बराबरी का दर्जा दिलाना भी सरकार के विकसित भारत के एजेंडे में शामिल है. विकसित देशों में नागरिकों का रहन-सहन और आय विकासशील देशों के मुकाबले कहीं बेहतर होती है. विकसित भारत में बेहतर नीतियों और जवाबदेही के साथ एक चुस्त शासन व्यवस्था का होना जरूरी है.

विकसित भारत की प्राथमिकताएं

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में पेश बजट में विकसित भारत की नौ प्राथमिकताएं गिनाई थीं. इनमें कृषि में उत्पादकता, रोजगार और कौशल विकास, समावेशी मानव संसाधन विकास, सामाजिक न्याय, निर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा विकास, नवाचार और विकास और पीढ़ीगत बदलाव शामिल थे.

सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं. सरकार ने देश को ग्लोबल एजुकेशन हब बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. सरकार ने मेडिकल एजुकेशन के लिए 75 हजार नई सीट बढ़ाने का फैसला किया है.सरकार सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन में ग्लोबल लीडर बनने का लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है.इससे टेक्नोलॉजी की दिशा में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और आयात कम होगा.’मेक इन इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों का असर दिख रहा है. इससे भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में इतिहास रच रहा है.इससे नौकरियों में इजाफा हो रहा है. इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

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