श्रीनगर गढ़वाल: युवाओं को रोजगार से जोड़ने और उनके कौशल विकास को प्राथमिकता देने के लिए पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने एक पहल शुरू की है, जिसके तहत जिले के विभिन्न स्कूलों के 300 छात्र मंदारिन भाषा सीखेंगे. इस पहल से युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर खुलेंगे. छात्रों को दून विश्वविद्यालय और डाइट के माध्यम से मंदारिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. पिछले वर्ष भी जिले में 100 छात्रों को मंदारिन का प्रशिक्षण दिया गया था.
जिलाधिकारी पौड़ी, डॉक्टर आशीष चौहान ने लोकल 18 को बताया कि इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. मंदारिन, चीन में बोली जाने वाली ग्लोबल इकोनॉमी की दूसरी सबसे बड़ी भाषा है. इसके वैश्विक प्रभाव को देखते हुए, भविष्य में छात्रों के कौशल विकास को बढ़ाने और नए रोजगार के अवसर तलाशने के लिए इस पहल की शुरुआत की गई है.
छात्रों को दी जायेगी स्कॉलरशिप
जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष चौहान बताते हैं कि इस कार्यक्रम में दून विश्वविद्यालय के विदेशी भाषा विभाग का विशेष सहयोग है. ग्लोबल मार्केट में चीनी भाषा का विशेष महत्व है, और इसी कारण छात्र भविष्य में इसका लाभ उठा सकते हैं. यदि किसी छात्र को मंदारिन सीखने के बाद इसी में करियर बनाना है, तो ऐसे छात्रों के लिए दून विश्वविद्यालय द्वारा कुछ एनजीओ के माध्यम से स्कॉलरशिप दिलाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
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मंदारिन सीखना क्यों है जरूरी?
आधुनिकता के इस दौर में चीन एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, और ऐसे में चीनी भाषा का वैश्विक प्रभाव भी बढ़ता जा रहा है. अंदेशा जताया जा रहा है कि आने वाले समय में मंदारिन दुनिया की अगली प्रमुख भाषा बनने के लिए तैयार है. मंदारिन चीन, ताइवान और सिंगापुर की आधिकारिक भाषा है. इसके अलावा मलेशिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, थाईलैंड, मंगोलिया और फिलीपींस में भी मंदारिन बोलने वाले लोग मिल जाते हैं. मंदारिन, दुनिया की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा होने के साथ-साथ व्यावसायिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. फ्रेंच और जर्मन जैसी भाषाओं के साथ अब दुनियाभर के लोग मंदारिन सीखने पर भी जोर दे रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 15:24 IST