जयपुर। प्रदेश में सरकारों के बदलने के साथ ही विचारधारा के आधार पर शिक्षा विभाग में भी बदलाव देखने को मिलता है। कई बार पाठ्यक्रम में नए विषय को जोड़ने और हटाने जैसा मामला सामने आते हैं। एक बार फिर प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही शिविरा पंचांग में जयंती हटाने और अपनी विचारधारा के अनुरूप कुछ बदलाव किए गए हैं। प्रदेश के शिक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सभी स्कूलों में इंदिरा गांधी की जयंती मनाने पर रोक लगा दी है। इसके लिए बाकायदा स्कूल कैलेंडर से इंदिरा गांधी की जयंती हटा भी दी गई है। केवल इतना ही नहीं, इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर होने वाले कौमी एकता सप्ताह का नाम भी बदल दिया गया है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि देश में कई महान व्यक्ति हुए हैं और सभी को सम्मान देने के लिए यह फैसला लिया गया है।
इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि को अब संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके साथ ही, इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले कौमी एकता सप्ताह का नाम बदलकर समरसता सप्ताह कर दिया गया है। मातृभाषा हमारी हिंदी है, इसलिए इस सप्ताह का नाम बदलकर समरसता सप्ताह किया गया है। उन्होंने इंदिरा गांधी पर इमरजेंसी लगाने का आरोप भी लगाते हुए कहा कि इमरजेंसी के दौरान देश में लोकतंत्र की गहरी चोट पहुंचाई गई थी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दोहराया कि इस निर्णय का मकसद समाज के अन्य महापुरुषों को भी सम्मान देने का है।
अनुच्छेद 370 और वीर सावरकर को लेकर सियासत गरमाई
राजस्थान में अनुच्छेद 370 और वीर सावरकर हिंदुत्व विचारक को लेकर प्रदेश के राजनीति गरमा गई है। दरअसल राज्य सरकार ने स्कूलों में सावरकर के जन्मदिन और अनुच्छेद 370 हटाने का जश्न मनाने का आदेश जारी किया गया है। वहीं कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर विरोध जताया और इसे शर्मनाक बताया है।
कौमी एकता की जगह समरसता सप्ताह
शिविरा पंचांग में हर साल 19 नवंबर से इंदिरा गांधी की जयंती के साथ ही एक सप्ताह तक कौमी एकता सप्ताह मनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार इसका नाम बदलकर समरसता सप्ताह कर दिया गया है। वहीं, पूरे मामले में केंद्र सरकार की ओर से हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का नोटिफिकेशन पिछले दिनों जारी किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा की थी और इसी को लेकर केंद्र सरकार ने इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की बात कहीं। ऐसे में अब राजस्थान में भाजपा की सरकार ने इंदिरा जयंती को शामिल नहीं करने को केंद्र के नक्शे कदम पर चलने से जोड़ा जा रहा है।