जयपुर। प्रदेश स्कूलों में धारदार हथियार पर रोक लगाने के बाद शिक्षा विभाग ने छात्र, अभिभावक और संस्था प्रधान के दायित्व तय कर दिए है, जिसकी सभी को संख्ती से पालना करनी होगी। विभाग ने यह फैसला राज्य के स्कूलों में होने वाले हिंसक घटनाओं पर रोकथाम के लिए पहल की है। विभाग ने विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों का विद्यार्थियों को निरन्तर प्रेरित करने के साथ, उनके आचरण पर सूक्ष्म ध्यान भी रखना चाहिए, जिससे विद्यार्थी अपने लक्ष्य के अनुरूप प्रगति पथ पर अग्रसर हो सके।
इसमें रखी गई शिथिलता विद्यार्थी के प्रगति को अनुचित दिशा तो देती ही है, साथ ही न विद्यार्थी स्वयं, उसके सहपाठी आदि को अनावश्यक हानि पहुंचा सकती है। ऐसी घटना से न केवल विद्यालय की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है, बल्कि अन्य विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का विश्वास भी प्रभावित होता है। इस संबंध में विद्यार्थियों के अतिरिक्त संस्था प्रधान शिक्षक एवं अभिभावकों की सजकता आवश्यक है।
संस्था प्रधान के दायित्व
संस्था प्रधान इसकी उद्घोषणा आदेश के रूप में सूचना पट पर चस्पा करेंगे साथ ही प्रार्थना सभा में उक्त के संबंध में जानकारी देंगे। ऐसे विषय पर अध्यापक अभिभावक परिषद की बैठक में भी विमर्श करेंगे।
शिक्षक का दायित्व
शिक्षक का दायित्व है कि उक्त व्यवस्था की निगरानी के लिए रेंडम रूप से विद्यार्थियों के बैग, डेस्क और व्यक्तिगत वस्तुओं के नियमित जांच की जावे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की कोई भी निषिद्व वस्तु विद्यालय परिसर में नहीं लाई गई है। विद्यार्थी का व्यवहार का नियमित प्रबोधन भी विद्यार्थी के व्यवहार में हुए आकस्मिक परिवर्तन को व्यक्त कर देता है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए शिक्षक को अतिरिक्त सावधानी रखते हुए संवेदनशील होना चाहिए।
अभिभावकों का दायित्व
अभिभावकों की जिम्मेदारी हैं, कि वे अपने बच्चों को इन वस्तुओं के खतरों के बारे में जागरूक करें और उन्हें इस प्रकार की वस्तुएं विद्यालय में न लाने के लिए प्रोत्साहित करें। कभी कभी बच्चे के बैग को जांच ले। बच्चे में हुए व्यवहारगत परिवर्तन को जानते ही सजग हो जाए। शिक्षक से नियमित सम्पर्क में रहें।
प्रार्थना सभा में बताना होगा नियम
साथ ही स्कूल में होने वाली प्रार्थना सभा के दौरान विद्यार्थियों को इस बारे में जानकारी देंगे। इस विषय पर अध्यापक-अभिभावक परिषद की बैठक में भी चर्चा की व्यवस्था करेंगे। आदेश में कहा गया है कि चाकू, छूरी, धारदार कैंची या किसी भी नुकीली वस्तु को विद्यालय में लाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसी किसी भी वस्तु का लाना एवं प्रयोग, सुरक्षा और अनुशासन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।