जयपुर। राजस्थान में सबसे अधिक सरकारी कर्मचारी स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत है, फिर भी नहीं प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई हो पा रही है। जबकि सरकार इन स्कूलों में बदलाव के लिए कई प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार के प्रयास रंग नहीं ला रहे है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण शिक्षकों का सही तरीके से पढ़ाई नहीं करवाना है। इन कार्मिकों में सबसे अधिक 2 लाख से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षक है। इसके बाद भी स्कूलों में करीब 50 हजार के आस-पास शिक्षकों की कमी है।
92,00,000 से ज्यादा विद्यार्थी कर रहे पढ़ाई
प्रदेश में 69 हजार सरकारी स्कूलों में करीब 92 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत है। इनमें 4,05,633 कार्मिक कार्यरत है। जिसमें से 30 फीसदी महिला यानी सवा लाख है। वहीं, 2 लाख से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षक है। प्रारंभिक व उच्च प्रांरभिक में 43 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत है। इनमें 23 लाख बेटियां है। कक्षा नौ से 12वीं तक स्कूल में 53 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे है। 34 लाख छात्र और 19 लाख छात्राएं पढ़ाई कर रही है।
फैक्ट फाइल : प्राइवेट स्कूल
- राज्य में नौ से बाहरवीं तक के निजी स्कूल-16180 से ज्यादा और कुल स्टूडेंट्स 25 लाख है।
- प्रारंभिक व उच्च प्रांरभिक में 60 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत है।
- प्राइवेट व सरकारी स्कूलों के कुल छात्र करीब 1.65 करोड़ है।
उच्च शिक्षा : प्रदेश में 31 सरकारी विश्वविद्यालय
– निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 53
-डीम्ड विश्वविद्यालय की संख्या 8
– चार केन्द्रीय विश्वविद्यालय सहित प्रदेश में कुल 96 विश्वविद्यारलय है।
– सरकारी महाविद्यालय कुल 550 (16 विधि महाविद्यालय सहित)
-निजी महाविद्यालय 1860
– महिला महाविद्यालय 530
-स ह शिक्षा महाविद्यालय 1668
– प्रदेश में कुल सरकारी और निजी महाविद्यालय 2198
– सरकारी कॉलेजों की प्रथम वर्ष में सीटे 191271
– बीएड महाविद्यालय 1407
– छात्र करीब 18 लाख से अधिक
– सरकारी कॉलेजों में 6 लाख से अधिक
विश्वविद्यालयों
प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्र करीब 18 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ रहे है।