कोटा। नेशनल हाइवे पर 27 पर बने हैंगिंग ब्रिज टोल प्लाजा कोटा-बूंदी वाहन चालकों की जैब काट रहा है। जबकि, पूर्व में सांसद ने कोटा-बूंदी निवासियों के लिए टोल फ्री करवाया था। इसके बावजूद, टोल कम्पनी गुपचुप तरीके टोल वसूल रही है। स्थानीय वाहन चालकों को इसका पता 2 से 4 किमी आगे जाने के बाद मोबाइल पर मैसेज आने के बाद पता चलता है। लोग इसकी शिकायत एनएचआई प्रबंधन व टोल कम्पनी को करते हैं तो संतोषजनक जवाब नहीं मिलता।
प्रतिदिन गुजरते हैं हजारों वाहन
कोटा निवासी वाहन चालक यतीश राजपूत का कहना है, कोटा से बूंदी और बूंदी से कोटा के लिए प्रतिदिन हजारों वाहन चालकों का आना जाना रहता है। ऐसे में लोगों का एक तरफ का टोल काट लेते हैं। इसका पता तीन से चार किमी आगे जाने के बाद लगता है। ऐसे में कई वाहन चालक वापस आकर शिकायत भी नहीं कर पाते। लेकिन, टोल कम्पनी हजारों वाहन चालकों को चपत लगा रहा है। एनएचआई प्रशासन की शह पर टोल कम्पनी मनमानी कर रही है।
वाहन चालकों को यूं लगा रहे चपत
अमूमन, कोटा-बूंदी निवासियों के संज्ञान में है कि दोनों जिलों केवाहन टोल फ्री है। टोल प्रशासन फिर भी बेरियर लगा वाहन रोकते और टोलकर्मी कम्प्यूटर में गाड़ी के नम्बर डालते हैं। जबकि, नम्बर प्लेट पर आरजे-20 लिखा होता है। जिससे वाहन के कोटा का होने का पता लगता है। फिर भी टोलकर्मी सिस्टम में नम्बर डालते हैं। इसके कुछ समय बाद मोबाइल पर टोल कटने का मैसेज आ जाता है। वहीं, बूंदी से वापस लौटते समय टोल नहीं कटता। टोल कम्पनी किसी का जाते वक्त तो किसी का वापस लौटते समय एक तरफ का टोल काट रहा है। शिकायत करने पर टोल कम्पनी व एनएचआई द्वारा कोटा-बूंदीवासियों के लिए आॅन पेपर टोल फ्री नहीं होने की बात कही जाती है।
कोटा की गाड़ी बताने के बावजूद टोल काटा
14 दिसम्बर को मैं अपने दोस्तों के साथ कार से तालेड़ा गया था। जैसे ही कार प्लाजा पर आई तो बेरियर लगाकर गाड़ी रोक ली। टोल पर महिला कर्मचारी ने कार के नम्बर कम्प्यूटर में लिखने लगी तो मैंने उन्हें कोटा की लोकल गाड़ी होने की बात कहीं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी और नम्बर डालकर टोल काट लिया। शंभुपुरा से आगे जाने के बाद पता चला की पैसा काट लिया। जब वापस लौटे तो नयागांव स्थित टोल पर बिना टैक्स काटे जाने दिया। शिकायत टोल मैनेजर से की तो उन्होंने कोटा-बूंदी की गाड़ियां फ्री नहीं होने की बात कहकर वापस पैसे लौटाने
से मना कर दिया। प्रतिदिन हजारों लोगों की जैब पर डाका डाल रहे हैं।
-प्रकाश कुमार, दादाबाड़ी निवासी
…नहीं तो करेंगे आंदोलन
ंटोल कम्पनी अपनी मनमानी कर रही है। धीरे-धीरे कोटा-बूंदी वाहन चालकों पर अंकुश बढ़ा रही है। टोल काटे जाने की शिकायतें मिल रही हैं। यदि, कम्पनी व एनएचआई ने लोकल गाड़ियों का टोल काटना बंद नहीं किया तो चुनाव के बाद व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
-क्रांति तिवारी, कांगे्रस नेता
लूट-खसोट मचा रही टोल कम्पनी
दिसम्बर 2023 को मैं परिवार के साथ चित्तौड़ स्थित सांवरिया सेठ से वापस कोटा लौट रहा था। जैसे ही कार हैंगिंग ब्रिज टोल से गुजरी तो पैसा कट गया। जबकि, जाते वक्त टोल नहीं कटा। इसका पता प्लाजा से 4 किमी आगे जाने के बाद मोबाइल पर आए मैसेज से लगा। बात 80 रुपए की नहीं है, जब कोटावासियों के लिए टोल फ्री है तो फिर पैसे क्यों काटे जा रहे। मैं वापस टोल पर आया और कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने गाड़ी की आरसी और आधार कार्ड लाकर रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कहीं। यह तो लूट खसोट मचा रखी है।
-जमना शंकर प्रजापति, जिलाध्यक्ष निजी स्कूल परिवार संघ, डीसीएम
शिकायत पर नहीं होती सुनवाई
एनएचआई के इशारे पर टोल कम्पनी कोटा-बूंदी वासियों को जमकर लूट रही है। शिकायत करते हैं तो टोल मैनेजर सिस्टम आॅटोमेटिक होने की बात करते हैं। यदि, सिस्टम आॅटोमेटिक है तो उसे रन करने के लिए किसी तरह का इनपुट चाहिए होता है और यह इनपुट आरएफ आईडी (रेडियो फिक्वेंसी) यानी फास्टैग से मिलता है। जब मेरी गाड़ी में फास्टैग नहीं था तो सिस्टम को इनपुट कैसे मिला और बिना इनपुट के डेबिट कैसे हो गया। असल में जानबूझकर कोटा की गाड़ियों को बेरियर लगाकर रोकते हैं और मैन्यूअल वाहन नम्बर सॉफ्टवेयर में डालते हैं। ऐसे में नम्बर से अटैच फास्टैग से डेबिट कर टोल काट लेते हैं।
-श्याम कुमार, नांता
टोल मैनेजर राकेश परमार से सवाल-जवाब
सवाल : हैंगिग ब्रिज पर कोटा-बूंदी के वाहनों को टोल फ्री कर रखा है, फिर भी पैसा कट रहा है?
जवाब : पहले तो यह समझ लीजिए, आॅन रिकॉर्ड कोटा-बूंदी की गाड़ियां टोल फ्री नहीं है। यदि, गाड़ी कोटा की है तो पहले नयागांव टोल प्लाजा के आॅफिस में वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। आधार कार्ड और वाहन की आरसी साथ लानी होगी और यहां से डिक्लेरेशन फॉर्म भरकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके बाद आपका टोल नहीं कटेगा।
सवाल : क्या रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद टोल कटेगा?
जवाब : रजिस्ट्रेशन 3 महीने तक ही वेलिड रहेगा। इस अवधि तक टोल नहीं कटेगा। इसके बाद फिर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
सवाल : एक तरफ का टोल वसूल रहे, फिर दूसरी तरफ का क्यों छोड़ते?
जवाब : आॅटो सिस्टम है, हम कुछ नहीं कर सकते। यदि, किसी वाहन का नम्बर ओवररीच हो गया तो टोल कट जाता है।
सवाल : कोटा के वाहन की पहचान आरजे-20 से हो जाती है, फिर बेरियर लगाकर क्यों रोकते हो?
जवाब : वाहन का नंबर सिस्टम (कम्प्यूटर)में डालकर एग्जामिनेशन करना होता है। कोई पुलिस वेरिफिकेशन के लिए आए तो हमारे पास डेटा होना चाहिए ना।
सवाल : लोकल वाहनों के नम्बर सिस्टम में डालोगे तो टोल कटेगा?
जवाब : हां, नम्बर डालेंगे तो टोल कटेगा, इसलिए वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाएं, फिर टोल नहीं कटेगा।
सवाल : रजिस्ट्रेशन करवाने की जानकारी लोगों को क्यों नहीं देते?
जवाब : एक अप्रेल से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की है, यहां बोर्ड लगे हैं, जिन पर यह लिखा हुआ है। अब तक 100 से ज्यादा वाहन चालक वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
सवाल : कोटा-बूंदी के वाहन जब यहां से गुजरते हैं तो फास्टैग कार के डेस्क बॉक्स में रखा होता या फिर जैब में, फिर भी टोल काट लेते हो?
जवाब : फास्टैग कहीं भी रख लो, टोल तो कटेगा। क्योंकि, सिस्टम वाहन नम्बर सर्च करता है। यदि, रजिस्ट्रेशन करवाएं तो टोल नहीं कटेगा, फिर भले ही फास्टैग कांच पर लगा क्यों न हो।
सवाल : कोटा-बूंदी वाहनों का टोल काटा गया उसका पैसा टोल कम्पनी या एनएचआई वापस लौटाएगी ?
जवाब : जी नहीं, यह तो पोसिबल नहीं है। आॅन पेपर पर कोटा-बूंदी के वाहन फ्री नहीं है। लोकल वाहनों के लिए 330 रुपए का मंथली पास बना सकते हैं।
सवाल : कोटा-बूंदी वाहनों का टोल न कटे इसके लिए क्या करना होगा?
जवाब : वाहन की आरसी और आधार कार्ड लाकर रजिस्ट्रेÑशन करवाना होगा।