10 साल के दर्शिल नागर सीनियर तीरंदाजी में दिखाएंगे दम

कोटा। कहते हैं कि काबिलियत और प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती और पूत के लक्षण पालने में ही दिख जाते हैं। इन्हीं कहावतों के उदाहरण के कोटा के दर्शील नागर जो हैं तो सिर्फ 10 साल के लेकिन खेलेंगे सीनियर प्रतियोगिता में। दर्शील इससे पहले भी राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर सीनियर वर्ग में खेल चुके हैं। जिस उम्र में बच्चे मां की गोद से नहीं उतरा करते हैं, उस उम्र में दर्शील तीरंदाजी में राज्य स्तर प्रतियोगिता में सिल्वर पदक जीत चुके हैं। जिसके बाद इस बार फिर से प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जयपुर पहुंच चुके हैं।

साढ़े सात साल की उम्र से चलाना शुरू किया तीर
दर्शील नागर ने महज 7.5 साल की उम्र से ही तीर चलाना शुरू कर दिया था। जिसके बाद नियमित अभ्यास कर रहे हैं। दर्शील के पिता वीरेंद्र नागर ने बताया कि दर्शील घर पर अपनी बहन के साथ अकेला रहता था तो मोबाइल और टीवी देखने की आदत पड़ने लग गई थी। जिसके बाद हमने आदत को खत्म करने के लिए इसे अलग अगल खेलों में खेलने के लिए भेजा तो दर्शील ने सबसे ज्यादा रूची तीरंदाजी में दिखाई। जिसके बाद इसे छावनी स्थित श्री पंचमुखी तीरंदाजी अकेडमी में भर्ती करा दिया। जहां लगातार अभ्यास करने के बाद एक साल में ही दर्शील ने राज्य स्तरीय में पदक जीत लिया। दर्शील छोटी सी उम्र में ही आॅलंपिक जाने की इच्छा रखता है और उसके लिए मेहनत भी खूब करता है।

सुबह तीरंदाजी फिर स्कूल  शाम को तीरंदाजी
मात्र 10 के दर्शील नागर एक वयस्क खिलाड़ी की तरह अपना रूटीन फॉलो करते हैं। कोच बृजपाल सिंह ने बताया कि दर्शील सुबह 5 बजे ही उठ जाते हैं जिसके बाद वार्म अप और स्ट्रेचिंग कर 7.30 बजे स्कूल की ड्रेस में ही अकेडमी पहुंच जाते हैं। जहां लगभग दो घंटे का अभ्यास करने के बाद दर्शील स्कूल चला जाता है। वहीं स्कूल से दो बजे घर आने के बाद खाना खाकर थोड़ा आराम कर शाम को 4 बजे अकेडमी पहुंच जाता है। जहां 7 बजे तक फिर से अभ्यास करता है। दर्शील के पिता वीरेंद्र नागर ने बताया कि दर्शील तीरंदाजी के लिए इतना प्रतिबद्ध है कि वो ना टीवी देखता है और ना मोबाइल चलता है, साथ ही डाइट का भी खुद से ही ध्यान रखता है और एक समय केवल दलिया और रबड़ी लेता है।

कोटा से ये खिलाड़ी भी लेंगे भाग
तीरंदाजी कोच बृजपाल सिंह ने बताया कि राजस्थान आर्चरी एसोसिएशन की ओर से आयोजित तीरंदाजी टूनार्मेंट में कोटा से इंडियन राउंड में देवरत सिंह जादौन, स्वतंत्र सिंह, मनीष खटीक, सूर्यांशु राजावत, विनय वर्मा, खुशी राठौर तथा रिकवर राउंड में समर सिंह, कार्तिक सुवालका, शिवम गुर्जर, मयंक परिहार एवं कंपाउंड राउंड में दर्शील नागर, अरविंद सैनी के साथ बालिका वर्ग में लहर कछावा, हिमांशी राजावत भाग लेंगे। वहीं लहर कछावा हाड़ौती क्षेत्र की पहली ऐसी प्लेयर हैं जो एक महीने पहले एशियन गेम्स का ट्रायल भी दे चुकी हैं।

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