हल्द्वानी. हल्द्वानी में एक शिक्षक के घर की क्यारी में उगा 12 फीट ऊंचा मिर्ची का पौधा कौतूहल का विषय बन गया है. यह पौधा सिर्फ अपनी ऊंचाई के कारण ही नहीं बल्कि तीखी मिर्ची से लदे होने के कारण भी चर्चा में है. राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक भूपेंद्र चौधरी लोहरिया साल तल्ला मधुवन कॉलौनी में रहते है और वर्तमान में सुंदरखाल, धारी में कार्यरत है. उन्हें बागवानी करने का बेहद शौक है. उन्होंने ग्राफटिंग के माध्यम से अपने घर में कई तरह के अनोखे पेड़-पौधे लगाए है.
भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि आमतौर पर मिर्ची का पौधा 2- 2.5 फीट ऊंचा होता है, लेकिन उन्होंने अपने घर पर 12 फीट ऊंचा मिर्ची का पेड़ उगाया है. उन्होंने यह मिर्ची के पेड़ प्रूनिंग एवं विशेष प्रकार की जैविक खाद से तैयार किया गया है. भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रूनिंग एवं विशेष प्रकार की जैविक खाद देकर पौधों की ऊंचाई को मनचाही लंबाई तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही उसे झाड़ीदार भी बना सकते हैं. जिससे उससे साधारण पेड़ के उपेक्षा कई गुना अधिक उत्पादन ले सकते है.
इन अवॉर्ड से किया गया है सम्मानित
शिक्षक भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि उन्हें पर्यावरण व शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उन्हें राज्यपाल सम्मान, शैलेश मटियानी अवॉर्ड, गौरैया संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण के लिए रुद्रा सोसायटी व गो ग्रीन गो क्लीन की तरफ से सम्मानित किया गया है. इसके साथ ही गांधी आश्रम द्वारा कृत्रिम रेशम तैयार करने के लिए भी शिक्षक को सम्मानित किया गया है.
क्या होती है प्रूनिंग?
शिक्षक भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रूनिंग पौधों या किसी एक भाग की ट्रिमिंग है जो अब किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करते हैं. फूलों और फलों को बढ़ाने के लिए और बागों के प्रबंधन में यह प्रक्रिया लगातार की जाती है. जैसे प्रूनिंग से गुलाब के पौधों की संरचना और फूलों की क्षमता में सुधार किया जाता है, और छंटाई के ठीक नीचे बल्ब या कलियों से नई वृद्धि होती है. ट्री प्रूनिंग में एक पेड़ की शाखाओं को काट दिया जाता है ताकि वे अगले वर्ष बेहतर रूप से विकसित हों. एक पेड़ की छंटाई करने से उसकी शाखाओं और अंगों को ठीक से विकसित करने में मदद मिलती है.
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FIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 13:37 IST