चेन्नई:
बंगाल की खाड़ी पर बने गहरे दबाव के शनिवार को तमिलनाडु और पुडुचेरी के बीच तट को पार करने की प्रबल संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव एक चक्रवात में तब्दील हो गया है, इसका नाम फेंगल है, जिसका उच्चारण ‘फींजल’ है. इसका शनिवार को कराईकल और मामल्लपुरम के बीच तमिलनाडु तट को पार करने की संभावना है. वहीं चक्रवात के कारण 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है.
आईएमडी ने कहा, “भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में बना गहरा दबाव पिछले छह घंटे की अवधि में 13 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा और चक्रवाती तूफान फेंगल में बदल गया है. दोपहर 2.30 बजे (29 नवंबर को) यह पुडुचेरी से 270 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व में था और चेन्नई से 300 किमी दक्षिण-पूर्व में.”
उसने कहा, “इस बात की प्रबल संभावना है कि यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 29 नवंबर तक गहरे दबाव की अपनी तीव्रता बनाए रखेगा. चूंकि उत्तर-पश्चिम की ओर इसके बढ़ते हुए हवा की रफ्तार 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहेगी, ऐसे में इसके 30 नवंबर की सुबह पुडुचेरी के पास कराईकल और महाबलीपुरम के बीच उत्तर तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों को पार करने की संभावना है.”
मछुआरों को अगली सूचना तक बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है. पूरे तमिलनाडु में, चेन्नई, तिरुवल्लुर, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, विलुप्पुरम, कल्लाकुरिची और कुड्डालोर जिलों को रेड अलर्ट पर रखा गया है, जैसा कि पुडुचेरी में है.
रानीपेट, तिरुवन्नमलाई, वेल्लोर, पेरम्बलुर, अरियालुर, तंजावुर, तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और कराईकल जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है.
रविवार के बाद फेंगल के अंतर्देशीय क्षेत्र में बढ़ने के कारण आंतरिक जिलों को भी बारिश की चेतावनी दी गई है. चक्रवात फेंगल का असर दक्षिणी राज्य में पहले ही महसूस किया जा चुका है. प्रभाव से पहले, राज्य की राजधानी चेन्नई में उच्च ज्वार और तेज़ हवाएँ चल रही हैं.
गुरुवार को भारी बारिश से नागापट्टिनम जिले में 800 एकड़ में लगी धान की फसल को व्यापक नुकसान हुआ और, आज सुबह, भारी बारिश के खतरे के कारण चेन्नई, चेंगलपट्टू और कुड्डालोर क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेज दिन भर के लिए बंद कर दिए गए.
इस बीच, नौसेना ने एक ‘व्यापक डिजास्टर रिस्पॉस प्लान’ एक्टिवेट कर दिया है. इस योजना के तहत पूर्वी नौसेना कमान मानवीय सहायता और आपदा राहत के साथ-साथ खोज और बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करके किसी भी संभावित प्रभाव को कम करने के लिए काम करेगी. नौसेना त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है.
वाहनों में भोजन, पेयजल और दवाओं सहित राहत सामग्री भरी जा रही है, जबकि विशेष बाढ़ राहत दल (एफआरटी) को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और पुडुचेरी का सीएम एन रंगासामी ने भारी बारिश और तूफान की तैयारियों का आकलन करने के लिए बैठकों की अध्यक्षता की है. स्टालिन ने कहा है कि उनकी सरकार तूफान का सामना करने के लिए तैयार है और उन्होंने जनता से अपने घरों से बाहर सावधानी बरतने का भी अनुरोध किया है.
चक्रवात दाना के बाद भारतीय तट को प्रभावित करने वाला ये दूसरा चक्रवात है.
इधर चेन्नई मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. एस बालचंद्रन ने उत्तरी तमिलनाडु और तटीय जिलों में मध्यम वर्षा की चेतावनी दी है, वहीं कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि एक या दो स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा भी होगी.
जिन जिलों के लिए एक दिसंबर को ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है उनमें एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड और वायनाड शामिल हैं.
दो दिसंबर को छह जिलों पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है.
इसके अलावा, उसी दिन आठ जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है.
चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार सुबह तेज बारिश हुई और तापमान में गिरावट से मौसम सर्द हो गया.
‘ऑरेंज अलर्ट’ छह सेंटीमीटर से 20 सेंटीमीटर तक बहुत भारी वर्षा जबकि ‘येलो अलर्ट’ छह सेंटीमीटर से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी वर्षा को दर्शाता है।
शुक्रवार को चेन्नई और चेंगलपेट जिलों के विद्यालयों में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की गई है.