Bageshwar: इस कंपटीशन के जरिये प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने सीखी मैथ्स, खेल-खेल में जानी बारीकियां



Bageshwar: उत्तराखंड के बागेश्वर जैसे कई पहाड़ी इलाकों में अक्सर मैथ सब्जेक्ट स्टूडेंट्स को कठिन लगता है. ऐसे विषयों को आसान भाषा में सिखाने के लिए बागेश्वर डायट में कई कंपटीशन कराए जाते हैं. ठीक इसी प्रकार बागेश्वर डायट में प्राइमरी स्टूडेंट को खेल-खेल में मैथ सिखाने के लिए अबेकस कंपटीशन कराया गया. लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए कार्यक्रम के समन्वयक भैरव पांडे ने बताया कि मैथ की गणनाओं और उनकी पहेलियां को सरल तरीके से समझने में अबेकस कंपटीशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इन प्रतियोगिताओं को लेकर स्टूडेंट में भी काफी उत्साह रहता है.

डायट में हुआ कंपटीशन 
बागेश्वर में आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में गणितीय शिक्षा पर आधारित जिला स्तरीय अबेकस कंपटीशन हुआ. इसमें जिलेभर के प्राइमरी स्कूलों से 45 स्टूडेंट ने प्रतिभाग किया. इन छात्रों को प्रतियोगिता में 25 मिनट में 60 क्वेश्चन के आंसर देने थे. इसमें से दो स्टूडेंट्स का राज्य स्तरीय कंपटीशन के लिए चयन हुआ है. कंपटीशन में स्टूडेंट्स ने अबेकस का प्रयोग कर क्वेश्चन का आंसर दिया,‌ जोकि इनके लिए एक दिलचस्प गेम की तरह है. इसे हल करने के लिए स्टूडेंट पूर्ण रूप से अपने दिमाग का यूज करते हैं. ऐसे कंपटीशन उनके भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

स्टूडेंट्स की बढ़ाई रूचि
कंपटीशन में पिंगलो स्कूल से छात्रों को लेकर पहुंची शिक्षिका पायल जोशी ने बताया कि इस तरह के कंपटीशन स्टूडेंट्स को मैथ के नजदीक लाते हैं. अबेकस खेल-खेल में मैथ सीखने और सिखाने का बेहतर विकल्प है. इसकी मदद से मैथ सब्जेक्ट को रुचिकर बनाने में मदद मिलती है. इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर स्कूलों और जिले में कराएं जाने चाहिए ताकि छात्रों को मैथ सब्जेक्ट बोझ ना लगे और वे खुशी-खुशी इसे सीखने के लिए तैयार हो जाएं.

मैथ को आसान बनाता है अबेकस
कार्यक्रम के समन्वयक भैरव पांडे ने बताया कि अबेकस कंपटीशन गणितीय गणनाएं और उनकी पहेलियों को सरल तरीके से पेश करती है. बच्चे खेल-खेल में मैथ सब्जेक्ट को तेजी से सीख सकते हैं. इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी अब राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे. अबेकस की विधि से खेल-खेल में मैथ सीखने से सब्जेक्ट के प्रति स्टूडेंट के मन की धारणा बदल जाती है और वे मैथ को कठिन मानने की बजाय उसे आसानी से सीखने लगते हैं.

FIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 14:41 IST

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