Ground Report: 1480 करोड़ की लागत से उत्तराखंड में सुधरेगा आपदा प्रबंधन का ढांचा, होंगे 5 तरह के काम



देहरादून : उत्तराखंड विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अक्सर आपदा से जुड़ी घटनाओं से जूझता रहा है. उत्तराखंड आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2020 के बीच राज्य में आई प्राकृतिक आपदाओं में करीब 600 लोगों की जान गई, जबकि 500 से अधिक घायल हुए. ऐसे में हर साल राज्य सरकार के सामने प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती बनी रहती है कि वे आपदाओं की घटनाओं से कैसे निपटे. लेकिन अब उत्तराखंड में आपदा से निपटने का सिस्टम और मजबूत होगा. केंद्र सरकार ने 1480 करोड़ रुपये की 5 वर्षीय (2024-2029) परियोजना ‘उत्तराखंड डिजास्टर प्रिपेयर्डनेस एंड रेजिलिएंट प्रोजेक्ट’ (यू-प्रिपेयर) को मंजूरी दी है. इस परियोजना को विश्व बैंक की सहायता से लागू किया जाएगा. आइए जानते हैं इस प्रोजेक्ट में क्या कुछ ख़ास रहेगा.

उत्तराखंड डिजास्टर प्रिपेयर्डनेस एंड रेजिलिएंट प्रोजेक्ट’(यू-प्रिपेयर) योजना को मंजूरी मिलने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी समेत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को नए आयाम देगा. यह परियोजना आपदा के समय राज्य के प्रतिक्रिया स्तर को तेज करने के साथ-साथ सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करेगी. खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को कुशलता से लागू किया जा सकेगा. उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत राज्य में 45 पुल बनाए जाएंगे. इसके अलावा19 फायर स्टेशन, एसडीआरएफ के प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जाएगा.

यू-प्रिपेयर परियोजना के तहत होंगे ये 5 काम
इस 1480 करोड़ रु. के इस प्रोजेक्ट में उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन और अवस्थापना विकास को लेकर कई प्रमुख कार्य प्रस्तावित हैं. आइए जानते हैं इस योजना के तहत कौन-कौन से प्रमुख काम किए जाएंगे.

राज्य में 45 नए पुलों का निर्माण
इस परियोजना के तहत राज्य में 45 नए पुलों का निर्माण किया जाएगा. जिससे ग्रामीण इलाकों के स्कूलों और अस्पतालों तक आवागमन को आसान और सुलभ बनाने के लिए ज़ोर दिया जाएगा. इसके अलावा, पहाड़ी सड़कों पर आठ स्थानों पर सुरक्षा उपाय किए जाएंगे ताकि यातायात सुगम हो सके.

आपदा आश्रय और अग्निशमन सेवाएं
1480 करोड़ रु. की इस परियोजना के तहत आपदा आश्रय गृहों का निर्माण भी किया जाएगा. 10 आपदा आश्रय गृह बनाए जाएंगे, ताकि आपदा के समय प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान मिल सके और उस दौरान लोगों को राहत मिल सके.

अग्निशमन सेवाओं का आधुनिकीकरण
आपदा प्रबंधन में अग्निशमन केंद्रों का अहम रोल रहता है. ऐसे में इसे आधुनिकीकरण पर ज़ोर दिया जा रहा है. 19 फायर स्टेशन का इस योजना के तहत आधुनिकीकरण किया जाएगा. इसके अलावा, इन केंद्रों को अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरणों से लैस किया जाएगा.

जंगलों में आग की रोकथाम
प्रदेश में वनाग्नि की घटनाएं आम हो चली है. ऐसे में वन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के सामने चुनौती रहती है कि जंगलों में लगी भीषण आग की घटनाएं को कैसे रोका जाएगा. 1480 करोड़ रु. की इस परियोजना के तहत वन विभाग को जंगलों में आग की रोकथाम के लिए अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे.

राज्य आपदा प्रबंधन प्रणाली को हाईटेक करने पर जोर
आपदाओं की समय रहने जानकारी देने के लिए चेतावनी तंत्र (वार्निंग सिस्टम) को मजबूत किया जाएगा. ये सिस्टम लोगों आपदा से पहले अलर्ट करेगा. इसके अलावा, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्रों का उच्चीकरण किया जाएगा. आपदा के समय क्षतिग्रस्त ग्रामीण स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच बनाने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

SDRF को और मजबूत करने की बात
आपदा के समय एसडीआरएफ के जवान मुस्तैदी के साथ लोगों की जान की रक्षा करते हैं. ऐसे में एसडीआरएफ जवानों के प्रशिक्षण के लिए केंद्रों का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही, आपदा प्रबंधन बल (SDRF) को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए विशेष केंद्र बनाए जाएंगे और आपदा के दौरान प्रभावी और तेज रिपोर्ट के लिए SDRF को आधुनिक उपकरण और सुविधाएं दी जाएंगी.

यह परियोजना उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के साथ-साथ राज्य के विकास को नई दिशा देगी. इससे न केवल बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा, बल्कि आपदा के दौरान तेजी से राहत कार्य भी संभव हो सकेगा.

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