नई दिल्ली:
UPSC Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश में सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है. हर साल आईएएस और आईपीएस ऑफिसर बनने का सपना लेकर बड़ी संख्या में उम्मीदवार इस परीक्षा में भाग लेते हैं. हालांकि केवल मुट्ठी भर ही सफल हो पाते हैं. लाखों-हजार सफल उम्मीदवारों की लिस्ट में एक नाम आईएएस ऑफिसर रुक्मणी रियार का भी है. आईएएस ऑफिसर रुक्मणी की यूपीएससी की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ संकल्प से अपनी असफलता को भी सफलता में बदला जा सकता है.
रुक्मणी की शैक्षणिक यात्रा आसान नहीं थी. वह क्लास 6 में फेल हो गई थीं. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानीं. गुरदासपुर में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद, वह कक्षा 4 में डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल चली गई. इसके बाद उन्होंने सामाजिक विज्ञान में उच्च अध्ययन किया और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर से बैचलर की डिग्री हासिल की. उसके बाद देश के प्रतिष्ठित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS), मुंबई से मास्टर डिग्री प्राप्त की.
टीआईएसएस, उसके बाद मैसूर में अशोदय और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे संगठनों में इंटर्नशिप ने उनकी आकांक्षाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इन अनुभवों ने उन्हें सार्वजनिक सेवा से परिचित कराया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया.
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इसके बाद साल 2011 में रुक्मणी की कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की. रुक्मणी ने यह सफलता किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाई करके नहीं खुद की मेहनत के बदौलत हासिल कीं. एक इंटरव्यू के दौरान रुक्मणी रियार ने बताया कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने के लिए खास रणनीति पर काम किया. उनकी तैयारी की रणनीति में एनसीईआरटी (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों (कक्षा 6 से 12 तक) का गहन अध्ययन के साथ-साथ समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की रेगलुर पढ़ाई शामिल थे.
रुक्मणी का एक कमजोर छात्र से आईएएस ऑफिसर बनने का सफर दृढ़ता और आत्मविश्वास की प्रमाण है, जो यूपीएससी एस्पिरेंट्स को आईएएस और आईपीएस बनने के सपनो को पूरा करने की प्रेरणा देता है.