Youth Parliament: देशभर से आए छात्रों ने कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स की सुसाइड पर नाराजगी की जाहिर 

जयपुर। नीट पेपर लीक और स्टूडेंट्स सुसाइड मामलों को लेकर युवाओं में काफी गुस्सा है। इस गुस्से को वे अब तक पी रहे थे, लेकिन जब मौका मिला, तो उनका गुस्सा फूट भी गया। उनको यह मौका राजस्थान विधानसभा ने दिया। विधानसभा में युवा संसद का आयोजन किया गया। इसमें 41 विघालयों के 181 छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने सदन में बैठकर जनहित के मुद्दे उठाए।

युवा संसद में छात्रों ने विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई। स्टूडेंट्स ने पेपर लीक और कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड मामलों में लचर सिस्टम को लेकर जमकर आक्रोश जताया। यहीं नहीं छात्रों ने कोचिंग संस्थाओं के कामकाज के तरीकों और स्टूडेंट्स के बीच बढ़ते डिप्रेशन पर चिंता भी जताई। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की मौजूदगी में नीट पेपर लीक से लेकर सिस्टम की खाामियों पर जमकर तंज कसे। युवा संसद में कोचिंग स्टूडेंट्स पर बोलते हुए एक छात्रा ने कहा कि हम अंधे की लाठी की जगह खुद अंधे बन गए। चर्चा में शामिल एक अन्य छात्रा ने कहा कि सरकार पर लोगों का विश्वास नहीं है। इतने स्कैम है कि एक वेब सीरीज बन जाए। 

प्रधानमंत्री ने जिसे विद्या की काशी कहा, वो विद्या की काशी आज मधिकर्णिका घाट बन चुकी
युवा संसद में प्रश्नकाल के दौरान  छात्रों ने विधायकों की तरह की सवाल किए और उसी तर्ज पर मंत्री बने छात्रों ने टालमटोल जवाब दिया। युवा संसद के सदन में कोचिंग पर रेगुलेटरी बॉडी बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें दोनों तरफ के सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस बहस में देशभर से आए छात्रों ने कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स की सुसाइड पर नाराजगी जाहिर करते हुए सिस्टम की खामियां भी गिनाई और उनमें सुधार के सुझाव भी दिए। चर्चा में हिस्सा लेने वाले छात्र विहान बजाज ने कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स सुसाइड मामला उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जिसे विद्या की काशी कहा, वो विद्या की काशी आज मधिकर्णिका घाट बन चुकी है। कोचिंग वाले लुभावने विज्ञापन देते हैं। वे भरपूर विज्ञापन देकर आकर्षित करते हैं। आज कोचिंग का कारोबार 85 हजार करोड़ को पार कर चुका है। 

कोचिंग वालों ने शिक्षा को व्यापार बना दिया
छात्रा सौम्या सिंह भदौरिया ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था की नाकाम व्यवस्था के कारण आज कोचिंग संस्थान पनप गए। कोचिंग वालों ने शिक्षा को व्यापार बना दिया। एक अन्य छात्र धु्रवांश शाह ने भी कोचिंग संस्थानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब समय आ गया कि भारत सरकार कोचिंग के लिए रेगुलेशन बनाए, ताकि बच्चे सुसाइड नहीं करे। निशा खेड़ा ने कहा कि आज धर्म और शिक्षा का बाजारीकरण हो गया। 

एक ही बच्चे का क्रेडिट दो कोचिंग वाले लेते हैं
छात्रा श्रेया मुखर्जी ने कहा कि कोचिंग संस्थानों में नियमों की बर्बादी हो चुकी है। नियमों के अनुसार 16 साल से कम आयु के बच्चे को कोचिंग में नहीं ले सकते लेकिन यहां तो आईआईटी की तैयारी छठी क्लास से ही कोचिंग में शुरू कर देता है। एक ही बच्चे का क्रेडिट दो कोचिंग वाले लेते हैं। तीन विज्ञापनों में एक ही बच्चे के सिलेक्शन का दावा करते हैं। हालात यह है कि हम बच्चों की मौत सह लेंगे, किन्तु सिस्टम नहीं सुधारेंगे। एनटीए का असली चेहरा सह लेंगे, लेकिन सिस्टम वह ही रहेगा। छात्र कनक चंडक ने कहा कि हमारे शिक्षा तंत्र की खामियों और क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलने के कारण कोचिंग पनप गए।  नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रही भूमिका सैनी ने कोचिंग संस्थानों पर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने को लेकर सरकार पर तंज कजा। भूमिका ने कहा कि सरकार पर लोगों का विश्वास नहीं है। 

सीएम ‘सिद्धार्थ एस’ ने कहा:  हमें सुधार की तरफ बढ़ना होगा
मुख्यमंत्री की भूमिका में सिद्धार्थ एस ने कहा कि यूपीएससी में आज तक कोई पेपर लीक नहीं हुआ, चूंकि वहां एक मजबूत संवैधानिक तंत्र है और सिस्टम मजबूत है। हमें सुधार की तरफ बढ़ना होगा। क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करना होगा। ग्रामीण इलाकों में सस्ती दरों पर कोचिंग सुविधा उपलब्ध करानी होगी। 

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