CBSE की पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया 21 मई तक, तीन स्टेप में होगा पुनर्मूल्यांकन

जयपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 68 साल में मात्र 82 सीटें बढ़ी है, जिसमें प्रवेश का लक्ष्य सभी टॉपर्स का होता है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित नीट यूजी परीक्षा के लगभग सभी टॉपर्स का दिल्ली एम्स से एमबीबीएस करने का सपना होता है। दिल्ली एम्स की गिनती अंतरराष्ट्रीय मेडिकल संस्थानों में होती है। यहां की कार्यप्रणाली और बेहतरीन शिक्षा पद्धति के चलते यह देश में भी सर्वोच्च स्थान पर है। दिल्ली एम्स की शुरुआत 1956 से हुई थी, उस समय 50 सीट इसमें एमबीबीएस की थी। वर्तमान में एम्स में 125 सीट भारतीय और 7 सीट विदेशी कैंडिडेट्स के लिए हैं। एम्स ने साल 2024 में एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए एडमिशन ब्रॉशर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इसमें एमबीबीएस कोर्स की विस्तृत डिटेल भी है।  

यह होगी कवायद 
मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की 15 फीसदी सेंट्रल कोटा की काउंसलिंग 14 से शुरू हो रही है। इसमें राउंड वन का परिणाम 23 अगस्त को जारी होगा। इसके बाद मूल दस्तावेजों का सत्यापन 24 से 29 के बीच होगा तथा फीस जमा और मेडिकल एग्जामिनेशन 30 अगस्त को होगा। ओरिएंटेशन प्रोग्राम 2 से 8 सितंबर के बीच होगा। देश में नौ एम्स में करीब 12 सौ से अधिक सीटें हैं।

20 पेज की विस्तृत सूची
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली ने साल 2024 में एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिए एडमिशन ब्रोशर पूरा 20 पेज का है। ब्रॉशर में एमबीबीएस कोर्स के साथ-साथ एडमिशन की पात्रता और शर्तें भी जारी की गई हैं, जिसमें एमबीबीएस सीटों की संख्या और रिजर्वेशन पॉलिसी भी बताई गई है। ब्रॉशर में यह साफ कर दिया है कि एम्स संस्थानों में एमबीबीएस कोर्स की शैक्षणिक पात्रता मेडिकल संस्थानों से अलग है। एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि एम्स से एमबीबीएस करने के लिए कैंडिडेट्स को 12वीं की परीक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी के साथ अंग्रेजी सब्जेक्ट में 60 फीसदी अंक होना जरूरी है। यह जनरल, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी (एनसीएल) कैटेगरी के लिए है, जबकि एससी और एसटी कैटेगरी के लिए यह पात्रता 50 फीसदी है। 

 

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