असर खबर का - प्रेमसिंह सिंघवी कॉलेज के 17 कर्मचारियों को मिले 43 लाख रुपए

कोटा। राजकीय प्रेम सिंह सिंघवी कॉलेज में कार्यरत 17 कर्मचारियों को 3 साल की सैलरी एक साथ मिल गई है। दैनिक नवज्योति में लगातार खबर प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर कॉलेज आयुक्तालय जयपुर को टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की 43 लाख रुपए तनख्वाह का भुगतान करना पड़ा। जिससे कर्मचारियों के परिवारों में खुशियां लौट आई। बता दें, दैनिक नवज्योति ने लगातार खबर प्रकाशित कर मानवीय पहलुओं को शासन-प्रशासन व समाज के समक्ष रखा और तीन साल से आर्थिक तंगी से जूझती शिक्षकों व अशैक्षणिक स्टाफ की गृहस्थी में आए उतार-चढ़ाव को शब्दों में बयां कर सरकार को आईना दिखाया। नतीजन, हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकारी तंत्र नींद से जागा और तीन साल से रुकी तनख्वाह मिल सकी। कॉलेज स्टाफ के परिवारों ने दैनिक नवज्योति के प्रयासों के लिए अभार जताया। 

खुशी से छलक पड़े आंसू 
तीन साल से रुकी तनख्वाह एक साथ मिलने पर शिक्षकों की आंखों से आंसू छलक पड़े। किसी ने बच्चों की स्कूल फीस भरी तो किसी ने अपना कर्ज चुकाया। प्रत्येक शिक्षक को करीब तीन से छह लाख रुपए इक्कठी तनख्वाह के रूप में मिले। 

3 साल में पहली बार खुशियों की दीपावली
कॉलेज के सहायक कर्मचारी लोकेश कुमार का कहना है कि पिछली दो साल से दीवाली काली ही रही। तनख्वाह नहीं मिलने से बच्चों को नए कपड़े नहीं दिला पा रहे थे। जिसका हर पल मलाल रहता था। नवज्योति के अथक प्रयासों से इस बार परिवार खुशियों से भरी दीपावली मनाएगा। 

1.50 लाख रुपए बच्चों की स्कूल फीस भरी
प्रेम सिंह सिघवी कॉलेज के शिक्षक राजेश गुप्ता कहते हैं, तनख्वाह मिलने पर सबसे पहले बच्चों की स्कूल फीस भरी। तीन साल में डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा फीस चढ़ चुकी थी। वहीं, दुकानदारों व रिश्तेदारों से लिया कर्ज चुकाया। 

टीचिंग व नॉन टीचिंग के 17 स्टाफ ने तनख्वाह नहीं मिलने की याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी। जिन्हें कोर्ट के आदेश के बाद तीन साल से रुकी तनख्वाह दो किस्तों में एक साथ दे दी गई है। इससे पहले 6 से 8 अगस्त तक अपने स्टाफ के साथ रातदिन जुटकर संबंधित कर्मचारियों की तनख्वाह के बिल, उपस्थिति रिकॉर्ड, सीएल सहित अन्य कार्य बारीकी से संपादित कर बिल बनाए। वहीं, कर्मचारियों के नियमितिकरण व अगले माह तनख्वाह का निर्णय आयुक्तालय जयपुर के स्तर पर ही होगा। वहां से जो भी दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार कार्य किया जाएगा। 
-अरविंद प्रताप सिंह, कार्यवाहक नोडल प्राचार्य, प्रेम सिंह सिंघवी कॉलेज

अधिवक्ता बोले- हक दिलाने में मजबूत आधार बनी नवज्योति
सरकारी अधिकारियों की हठधर्मिता की परिकाष्ठा थी कि  सरकारी कॉलेज प्रेम सिंह सिंघवी के स्टाफ को तीन साल से तनख्वाह न देकर शोषण कर रहे थे। हमने मामला हाईकोर्ट के समक्ष रखा। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और आयुक्तालय कमीशनर को व्यक्तिगत न्यायालय में बुलाकर स्पष्ट निर्देश दिए कि क्यों न आपकी तनख्वाह रोक दी जाए। कोर्ट का सख्त रुख देख आयुक्तालय कमीशनर हरकत में आए और 17 याचिकाकर्ताओं की तनख्वाह जारी की। लेकिन, कर्मचारियों को उनका हक दिलाने में नवज्योति का अहम योगदान रहा। नवज्योति ने लगातार खबर प्रकाशित कर मानवीय पहलुओं को प्रमुखता से उठाया, जो कोर्ट में इंसाफ दिलाने में मजबूत आधार बनी। खबर में छपे तथ्यों से  हमें प्रेक्टिकली, तर्क व लीगल रूप से कोर्ट को संतुष्ट करने में सहयोग मिला। आखिरकार, नवज्योति के प्रयास रंग लाए।
-धर्मेंद्र पारीक, एडवोकेट, हाईकोर्ट जयपुर 

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