देहरादून. उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ भोजन भी दिया जाता है ताकि उन्हें सही पोषण मिल सके. सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के तहत बच्चों को भोजन दिया जाता है. ऐसे में बच्चों को पौष्टिक खाना उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में राजधानी देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल सुद्धोवाला स्थित अक्षय पात्र रसोई का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां उन्होंने खाना बनाए जाने की प्रक्रिया का जायजा लिया. भोजन की गुणवत्ता देखने के लिए जिलाधिकारी ने बच्चों के लिए पकाए गए भोजन को चखा.
देहरादून के डीएम सविन बंसल ने अक्षय पात्र रसोई के संचालकों को निर्देश दिए कि भोजन बच्चों के अनुकूल ही बनाया जाए ताकि बच्चे आसानी से खाना खा पाएं. इस दौरान जिलाधिकारी ने अक्षय पात्र रसोई में खाना बनाए जाने की प्रक्रिया और सफाई व्यवस्था का भी जायजा लिया. उन्होंने रसोई में अनाज, राशन और बर्तनों को देखा कि इन्हें साफ-सफाई के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं.
अभिभावकों और शिक्षकों की शिकायत पर डीएम ने लिया एक्शन
अक्षय पात्र रसोई के आसपास के क्षेत्र के करीब 350 स्कूलों में बच्चों के लिए यहां से भोजन तैयार करके भेजा जाता है. अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा शिकायतें मिल रही थीं कि खाना तीखा होने के चलते बच्चे ठीक से नहीं खा पा रहे हैं, इसलिए जिलाधिकारी सविन बंसल यहां का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने अक्षय पात्र रसोई के संचालकों को दिए कि बच्चों के अनुकूल ही भोजन बनाया जाए. इस दौरान डीएम ने कहा कि बच्चे समाज के सूद हैं, पौष्टिक भोजन मिलना उनका मौलिक अधिकार है. इसी के साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि रसोई संचालक अगली पेमेंट से पहले अभिभावकों और शिक्षकों से अपने भोजन की रेटिंग प्राप्त कर लें. इसी के साथ ही उन्होंने संस्था के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्लास्टिक के सभी कंटेनर्स बदल दिए जाएं, उनकी जगह पर स्टील के कंटेनर्स का इस्तेमाल किया जाए. डीएम सविन बंसल ने उप-जिलाधिकारी विकासनगर को रसोई के खाने की सैंपलिंग करने के भी निर्देश दिए. जिसके बाद उनके सामने ही भोजन की सैंपलिंग की गई.
FIRST PUBLISHED : December 1, 2024, 23:29 IST