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देहरादून में 76 साल से दशहरा मना रही बन्नू बिरादरी, पाकिस्तान से हुई थी शुरुआत

देहरादून. दशहरा (Dussehra 2024) का पर्व असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है. हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाया जाता है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून…

जानें क्या है गढ़भोज, द्वारिका प्रसाद सेमवाल दशकों से चला रहे अभियान

देहरादून. आज भले ही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कई तरह के व्यंजन परोसे जा रहे हैं लेकिन पहाड़ से जुड़े लोगों को गढ़भोज ही पसंद आता है. गढ़भोज की…

गुस्से में प्रिंसिपल बोले- मैं श्राप देता हूं, तुम्हारे शरीर में कीड़े पड़ेंगे

पौड़ी गढ़वाल. कहते हैं कि शिक्षकों के हाथों में ही बच्चों का भविष्य होता है और उन्हीं बच्चों से देश का भविष्य होता है, इसलिए गुरु को समाज में सर्वोच्च…

ननिहाल नैनीताल पहुंचीं एक्ट्रेस शुभांगी पंत, टॉलीवुड में हुनर से पाया मुकाम

नैनीताल. दक्षिण भारतीय सिनेमा में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वालीं एक्ट्रेस शुभांगी पंत (Shubhangi Pant) इन दिनों उत्तराखंड के नैनीताल स्थित अपने ननिहाल आई हुई हैं. वह अपनी मां…

बागेश्वर की बेटियों से साकार होंगे सपने, DM खुद देंगे अफसर बनने के टिप्स

बागेश्वर. एक दौर था जब बालिका शिक्षा और उनके करियर को आमतौर पर उतना महत्व नहीं दिया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे समय बदला, समाज की सोच बदली और बेटियों ने…

ऋषिकेश की दुर्गा पूजा में दिखती है बंगाल की झलक, 35 सालों से लगता है पंडाल

ऋषिकेश: हिंदू धर्म में सभी अलग-अलग विधि से मां दुर्गा की पूजा करते हैं. जहां भारत के अधिकतर हिस्सों में नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो गई है, वहीं…

Nainital: एक रामलीला ऐसी भी! 'रिदा' बनीं माता सीता, शबरी का निभा चुकी किरदार

नैनीताल: एक तरफ जहां हिंदू-मुस्लिम को लेकर राजनीति छिड़ी रहती है, लोगों में बहस होती रहती है, तो वहीं दूसरी ओर देवभूमि उत्तराखंड में आपसी सौहार्द की एक अद्भुत कहानी…

स्कूल की अच्छी पहल, पैरेंट्स टीचर मीटिंग में दे रहे माता-पिता को पौधा

अल्मोड़ा. स्कूल में बच्चों की पैरेंट्स टीचर मीटिंग हर महीने या फिर एग्जाम के रिजल्ट के समय कराई जाती है. इस मीटिंग में टीचर माता-पिता को उनके बच्चों के बारे…

साफ-सफाई के लिए सम्मान का अनोखा अंदाज, रेडक्रॉस सोसाइटी की पहल

बागेश्वर. स्वच्छता मानव जीवन की एक अच्छी आदत मानी जाती है. जिस प्रकार से मनुष्य अपने शरीर को स्वच्छ रखता है, ठीक उसी प्रकार से अपने आसपास भी सफाई रखना…

अल्मोड़ा: इस मैदान से गांधी ने फूंका आजादी का बिगुल, यहीं से शुरु हुआ था सफर

अल्मोड़ा: देश की आजादी के लिए जब स्वतंत्रता आंदोलन अपने चरम पर था, तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 19 जून, 1929 को अल्मोड़ा का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने…