देहरादून. उत्तराखंड में नैनीताल के बाद अब पौड़ी जिले में भी सात स्कूल दो दिन के लिए बंद करने पडे़ हैं. कारण सिर्फ एक ही है बाघ या फिर गुलदार के हमले का खतरा. उत्तराखंड में जंगली जानवर लोगों की जान के लिए इतनी मुसीबत बन गए हैं कि अल्मोड़ा में सोमवार को लोगों को वन विभाग के ऑफिस का घेराव करना पड़ा तो पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लॉक में सात स्कूलों में दो दिन के लिए छुट्टी घोषित करनी पड़ी है.
उत्तराखंड में यूं तो मानव-जंगली जानवरों के बीच संघर्ष कोई नई बात नहीं है. उत्तराखंड इस मामले में देश के टॉप मोस्ट राज्यों में शामिल है. बावजूद इसके ठंडी का सीजन शुरू होते ही जंगली जानवरों के हमलों में तेजी आई है और इसका उदाहरण है सवा दो महीने में रिकॉर्ड 16 लोगों का जान गंवाना. पहाड़ों में पहले आमतौर पर गुलदार ही मुसीबत माना जा रहा था, लेकिन अब बाघ भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. नए एरिया में भोजन की तलाश और अपनी टेरोटेरी बनाने के प्रयास में उनका आबादी क्षेत्रों में इंसानों से आमना-सामना हो रहा है. इससे लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं.
जंगली जानवरों का ये आतंक जनजीवन को इस तरह से प्रभावित करने लगा है कि पूरे इलाके में स्कूलों को बंद करने को मजबूर होना पड़ रहा है. एक आंकड़ा देखिए:
– अप्रैल में पौड़ी के धुमाकोट क्षेत्र में बाघ द्वारा दो लोगों का शिकार करने के बाद पूरे क्षेत्र में दर्जनभर से अधिक स्कूलों में तीन दिन की छुटटी घोषित करनी पड़ी थी.
– इस महीने नैनीताल के भीमताल ब्लॉक में बाघ ने दो महिलाओं को मार डाला, डर के चलते पूरे भीमताल में दो दिन के लिए स्कूलों को बंद करना पड़ा.
– इधर, पौड़ी के एकेश्वर ब्लॉक में भी गुलदार का आतंक इतना गहरा गया है कि यहां डीएम के आदेश के बाद इंटर कॉलेज इंदिरापुरी समेत क्षेत्र के आठ स्कूलों को 19 दिसंबर तक के लिए बंद रखा गया है.
– अल्मोड़ा में बाघ और गुलदार के साथ ही सुअर का आतंक बना हुआ है, यहां आज लोगों ने वन विभाग के ऑफिस पर प्रदर्शन किया
नैनीताल में दो महिलाओं को मौत के घाट उतार चुका आदमखोर बाघ अभी भी पकड़ा नहीं जा सका है. पिछले दिनों नैनीताल के भीमताल क्षेत्र में बाघ के डर के कारण स्कूलो को बंद करना पड़ा था.
पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट घेाषित
वन विभाग इस बाघ को पकड़ने के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान की भी मदद ले रहा है, तो पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट घेाषित किया गया है. वन विभाग ने बाघ को कैद करने के लिए पांच अलग-अलग टीमें, डॉक्टर भी तैनात किए हैं.
वन विभाग के कुमाऊं चीफ पीके पात्रो का कहना है कि बाघ को पकड़ने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. पात्रो का कहना है कि जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों के पीछे मौसम बड़ा कारण है. बाघों की बढ़ती संख्या के कारण बाघ पहाड़ तक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहुचने लगे हैं तो पहाड़ों में ठंड, बर्फबारी के कारण कई जानवर भोजन की तलाश में निचले क्षेत्रों का रुख करते हैं.
जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी चिंता जताई है. उन्होंने अफसरों को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने को कहा है जहां हमले की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 19, 2023, 16:43 IST