मनोहरथाना। जहां एक और राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दूरुस्त करने का वादा कर रही है लेकिन मनोहर थाना ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीपुरा की तस्वीरें कुछ और हकीकत बयान कर रही हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीपुरा गांव का सरकारी स्कूल है जहां जमीन पर बैठे बच्चे, हाथों में किताब और सिर पर खुला आसमान। ये तस्वीर यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां के सरकारी स्कूल में बच्चे किन हालातों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दरअसल इस स्कूल का भवन पूरा भवन जर्जर हो चुका है। इस वजह से स्कूल के विद्यार्थी खुले आसमान के नीचे बैठकर पढाई करने को मजबूर हैं। स्कूल की बिल्डिंग पिछले 4 सालों से जर्जर अवस्था में है बिल्डिंग की छत में जगह जगह बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। स्कूल का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। स्कूल के अंदर जान का खतरा होने के कारण शिक्षकों ने स्कूल को खुले आसमान के नीचे संचालित करना शुरू कर दिया हाल यह है कि बारिश के दिनों में गीली जगह में ही बैठकर बच्चों को पढ़ाई करनी पड़ती है
अधिकारियों द्वारा कोई पहल नहीं
वहीं प्रधान अध्यापक ने बताया कि, स्कूल भवन की छत जर्जर हालत में है और कभी भी बड़ा हादसा होने का खतरा है। इसके लिए कई बार अधिकारियों को सूचना दी गई है लेकिन फिर भी कोई पहल नहीं हो पाई है। साथ ही उन्होंने बताया कि छात्रों को स्कूल के सामने खुले आसमान के नीचे बैठाकर शिक्षा दी जा रही है। बता दें कि सरकार की शिक्षा का अधिकार और सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं से भी बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कक्षा कक्षा हो जाता है गीला
राजस्थान का एक ऐसा विद्यालय है जहां बारिश के समय के विद्यालय की दीवारों में झरने शुरू हो जाते वहीं स्कूल के अध्यापक बताते है कि बारिश के समय स्कूल का भवन ढलान पर होने से ऊपर से पानी आता है जिससे स्कूल की दीवारों में झरने चलने लग जाते जिससे पूरा फर्श गीला हो जाता है जिससे बच्चों को बाहर बैठाना पड़ता हैं जिससे बच्चों को पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मनोहरथाना ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक स्कूल मोतीपुरा की बिल्डिंग की हालत जर्जर हो गई है। यहां बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिल्डिंग की हालत इतनी नाजुक है कि छत का पानी कमरों में रिसता है। जिससे काफी परेशानियां उठनी पड़ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिल्डिंग के अंदर के कमरों में छत से सीमेंट के टुकड़े गिरते हैं और पलास्तर भी निकल रहा है। जिससे छत और दीवारों में दरारे पड़ी हुई हैं। वही यह भवन करीबन 30 साल पुराना है और इसका मेंटेनेंस भी नहीं किया जा रहा है। बच्चों को यहां भेजना खतरे से खाली नहीं है।
खुले में पढ़ाई से सांप-बिच्छु का खतरा
बाहर कक्षाएं लगाना भी खतरा उत्पन्न करता है। बारिश में खुले में बच्चो को बाहर सांप, बिच्छू आदि का डर भी बना रहता है। प्राथमिक स्कूल होने के कारण यहां छोटे बच्चे ही आते हैं और बच्चों को पढने के लिए एक अच्छा भवन तक नहीं है। शिक्षा विभाग के अफसर हो या अन्य जिम्मेदार व्यक्ति किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। उधर, प्राथमिक विद्यालय का जर्जर भवन होने की वजह से कभी भी हादसा हो सकता है, जिसका खामियाजा जर्जर इमारत की छत के नीचे पढ़ रहे मासूम छात्रों को भुगतना पड़ सकता है लेकिन, झालावाड़ जिले के शिक्षा विभाग के अफसरों को इसकी कोई परवाह नहीं है इसी वजह से जर्जर छत के नीचे मासूम छात्रों के जीवन में मौत का साया लगातार मंडरा रहा है।
इनका कहना है
स्कूल की बिल्डिंग बहुत पुरानी है 1995 में बनकर तैयार हुई थी अब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई ही जो कभी भी गिर सकती है बच्चे बाहर बैठ कर पढ़ाई करते है जिससे बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही है। सरकार से मांग है की नया विद्यालय भवन बनाया जाए।
– मांगीलाल, ग्रामीण मोतीपुरा
स्कूल में कोई सुविधा नहीं है मैंने मेरे बच्चों की टीसी कटवा कर दूसरे स्कूल में नाम लिखवाया इस स्कूल की बिल्डिंग की छत पूरी तरीके से टपकती है तथा कमरों में पानी भर जाता है। बच्चे कहां बैठेंगे सभी अध्यापक सुबह से बैठे रहते हैं। बच्चे स्कूल आते हैं पानी भरा रहा है। स्कूल में बच्चों की बैठने की कोई व्यवस्था नहीं। सरकार से मांग है की नया विद्यालय बनाया जाए।
– फूलसिंह, ग्रामीण मोतीपुरा
मोतीपुरा स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त हो गया है। बारिश में स्कूल में पानी भरा रहता है। इसस्कूल भवन को बने 30 साल हो गए हैं जब बारिश नहीं आती है तो अध्यापकों द्वारा बच्चों को बाहर बैठा कर पढ़ाया जाता है अगर बारिश आ जाती है तो बच्चों को घर भिजवा देते हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही है।
– मांगीलाल, ग्रामीण मोतीपुरा
यह मेरे क्षेत्र का मामला है ग्रामीणों ने सूचना दी थी की राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीपुरा में विद्यालय भवन क्षतिग्रस्त है जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है में प्रशासनिक अधिकारी और नेताओ से विद्यालय बनाने की मांग करती हूं।
– मोरम बाई तंवर, पूर्व प्रधान पंचायत समिति मनोहरथाना
राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीपुरा में प्रशासन को ध्यान देना चाहिए विद्यालय भवन को लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को इस बारे में अवगत करवा रखा लेकिन उसके बाद भी स्कूल पर ध्यान नहीं दिया अभी कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश के सागर में दीवार गिरने से 9 मासूम बच्चों की मौत हो गई ऐसा मनोहरथाना ब्लॉक में ना हो इसलिए प्रशासन को सख्त से सख्त कदम उठाकर नई बिल्डिंग की व्यवस्था करनी चाहिए।
– चंद्रभान सिंह, जिला सचिव झालावाड़
राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीपुरा के संस्था प्रधान को पीईईओ द्वारा नोटिस जारी किया गया है पिछले कुछ वर्षों में अनुदान राशि आई हैं। उसका किस प्रकार काम में ली गई है। इस संदर्भ में जांच विचाराधीन है, किसी भी संस्था प्रधान की विद्यालय भवन संबंधित समस्या मरम्मत ,भवन में बारिश का पानी टपकना संबंधित समस्या आती हैं तो आगे भेज देता हूं।
– हरिराम मीना, कार्यवाहक पीईईओ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, पिंडोला
राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीपुरा में कुल 52 बच्चों का नामांकन है और अभी नामांकन चल रहे है लगभग 60 से 65 बच्चे तो हो ही जाएंगे। बच्चों को बैठने की समस्या आ रही है स्कूल की बिल्डिंग छोटी पड़ रही है साथ ही बिल्डिंग पूरी तरीके से जीर्ण क्षीण हो चुकी है बारिश में छत टपकती रहती है। यहां पर बारिश के समय बच्चों को बिठाने में बहुत ज्यादा समस्या आती है। मैं यहां 4 साल से हूं और मैंने इन चार सालों में 10 से 12 बार अलग-अलग तरीके से अधिकारियों को अवगत करा दिया है। हमने उपखंड अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार, पीईईओ सरपंच विधायक और प्रधान को भी इस स्कूल के बारे में अवगत कराया है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है बच्चे पढ़ने आते हैं और हम उनको बिठा नहीं पाते हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
– करण सिंह मीणा, संस्था प्रधान राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीपुरा