रिवर्स पलायन की उम्मीदों को बल, कुछ यूं काम कर रही 'गुड फॉर नथिंग'


श्रीनगर गढ़वाल. उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार न होने के चलते लोग पलायन कर शहरों की ओर जा रहे हैं. ऐसे में पलायन को रोकने, रोजगार के अवसर तलाशने, गांवों तक डिजिटल एजुकेशन को पहुंचाने के लिए गुड फॉर नथिंग ह्यूमैनिटी संस्था उत्तराखंड समेत 6 हिमालयी राज्यों में काम कर रही है. संस्था द्वारा अब तक उत्तराखंड के उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और चंपावत जिले के 14 गांवों में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में वैकल्पिक तौर पर वॉलंटियर शिक्षकों की व्यवस्था की गई है. साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें स्वरोजगार के बारे में जानकारी दी जा रही है.

गुड फॉर नथिंग ह्यूमैनिटी संस्था के फाउंडर निलय नरेंद्र पारीक ने लोकल 18 को बताया कि वह पिछले तीन साल से उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड राज्य में काम कर रहे हैं. वह गांवों से जुड़कर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, डिजिटल एजुकेशन और महिला स्वास्थ्य पर काम कर रहे हैं. निलय पारीक ने बताया कि उत्तराखंड में वह चंपावत, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी जिले के 14 गांवों में हिमालयन वॉलंटरिंग कर रहे हैं. पौड़ी जनपद में खिर्सू ब्लॉक और पौड़ी के गांवों और स्कूलों में जाकर पहले वहां की जरुरतों को समझ रहे हैं, फिर उन पर काम करते हैं. कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनमें शिक्षकों की कमी है. ऐसे में जब तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती, तब तक व्यवस्था के तौर पर संस्था के माध्यम से शिक्षक नियुक्त किए गए हैं.

महिलाओं को बना रहे आत्मनिर्भर
उन्होंने आगे कहा कि हम लोगों को पहाड़ों की ओर रिवर्स माइग्रेशन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि लोग शहरों को छोड़कर पहाड़ वापस लौटें. वहीं स्थानीय महिलाओं को संतरा-माल्टा आदि से जूस, पहाड़ी फलों से जैम और रिंगाल के प्रोडक्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि पहाड़ों में महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और पलायन भी रुके.

खाली हो चुके गांवों को करेंगे आबाद
निलय पारीक ने कहा कि पहाड़ों में खाली हो चुके गांवों या जहां केवल एक या दो परिवार रह गए हैं, उन गांवों को आबाद करने को लेकर भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. घोस्ट विलेज को विकसित कर उन्हें पर्यटन लायक जगह बनाई जा रही है. ग्रामीणों को घरों में होम स्टे खोलने और उसके फायदों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

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