विज्ञान संकाय ही नही, विद्यार्थियों के डॉक्टर बनने का सपना कैसे होगा साकार

पेच की बावड़ी । पेच की बावड़ी का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय  बूंदी जिला मुख्यालय से करीब 35  किलोमीटर दूर ग्रामीण अंचल का विद्यालय हैं। यह विद्यालय उच्च माध्यमिक स्तर का आज से लगभग 30 वर्ष पूर्व क्रमोनत  किया गया था। यहां पर वर्तमान में 500 से अधिक गरीब,किसान ,मजदूर के बालक बालिकाएं अध्ययन करते हैं । लेकिन यहां पर केवल कला वर्ग के विषय संचालित है जिससे यहां के बालक बालिकाएं जो विज्ञान वर्ग पढ़ना चाहते हैं। उनका डॉक्टर, इंजीनियर बनने के सपने अधूरे ही रह जाते हैं क्योंकि इस विद्यालय में विज्ञान संकाय संचालित नहीं है। जबकि ग्राम पंचायत पेच की बावड़ी के अनेक गांव मा़ंडा योजना में चयनित हैं यदि पेच  की बावड़ी में विज्ञान  संकाय खुलता है तो आसपास के उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय जैसे उमर ,बासनी, हुवालिया, पगारा, रोशन्दा, काछोला , टौकडा ,गुड्डागोकलपुरा ,थाना आदि के छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो सकेंगे। इस स्कूल में विज्ञान संकाय संचालित करने के लिए समसा द्वारा लगभग एक करोड़ का भवन बनकर तैयार हो चुका है। जिसमें आधुनिक सुविधाओं से लेश तीन बड़ी प्रयोगशालाएं तथा तीन नए कक्षा कक्ष बनकर तैयार हो चुके हैं परंतु राज्य सरकार की अपेक्षा के कारण विज्ञान संकाय नहीं खुलने से इस नए भवन का उपयोग नहीं हो रहा है। विज्ञान संकाय नहीं होने से स्कूल के नामांकन में भी अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाती है।

कृषि और जीव विज्ञान संकाय के लिय भूमि का भी आवंटन हो चुका
स्थानीय स्कूल में कृषि संकाय एवं जीव विज्ञान संकाय के लिए आवश्यक भौतिक संसाधन भवन एवं मापदंड अनुसार दस बीघा का विद्यालय परिसर एवं 10 बीघा खेल मैदान एवं 10 बीघा भूमि कृषि संकाय हेतु आवंटित की जा चुकी है।

एक करोड़ की लागत से विज्ञान प्रयोगशाला भवन बनकर तैयार 
यहां पर अध्यनरत अधिकतर छात्र-छात्राएं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राएं अध्यनरत है और एक क्षेत्र मांडा  क्षेत्र में आता है। स्थानीय विद्यालय में सत्र  2022-23 के तहत अतिरिक्त विज्ञान संकाय के लिए लगभग एक करोड़ राशि का भवन बनकर तैयार हो चुका है।

राउमावि पेच की बावड़ी में विज्ञान के साथ साथ कृषि, मैथ्स आदि संकाय भी खुले तो विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा । उनके द्वारा शिक्षा में नए आयाम स्थापित करेंगे ।
– कुलदीपक स्वर्णकार, छात्र

स्थानीय विद्यालय में छात्र-छात्राओं की  विज्ञान संकाय खुलवाने की समस्या को लेकर मेने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को व्यक्तिगत रूप से मिलकर समस्या से अवगत कराया हैऔर उन्होंने आश्वस्त किया है कि आगामी सत्र से विज्ञान संकाय में बच्चों को प्रवेश देकर अध्ययन शुरू करवाया जाएगा।
– बाबूलाल मीना,समाजसेवी ,पेच की बावड़ी 

स्थानीय स्कूल में विज्ञान संकाय सहित अन्य प्रायोगिक विषय लेकर छात्र छात्राओं को स्थानीय स्तर पर प्रेक्टिकल करने को मिलेगा । जिससे छात्र छात्राएं अपने विषय में और अधिक जान पाएंगे।
–  रोहित सैन,छात्र

स्थानीय स्कूल में विज्ञान संकाय खुलने से सक्षम लोगों के साथ साथ गरीब तबके के लोगों को भी अधिक लाभ होगा । उनके बच्चों ंको स्थानीय स्तर पर गुणवतापूर्ण शिक्षा मिलने लगेगी साथ ही उन्हें आर्थिक संबल मिलेगा।
 –  लखन सैनी ,छात्र

राउमावि में विज्ञान सहित अन्य संकाय भी खुले तो विशेषकर बालिकाओं को अध्ययन के लिय अधिक पैसा खर्च करके देवली ,बूंदी, कोटा नही जाना पड़ेगा । साथ ही बालिकाओं को आने जाने के लिए काफी समस्या से जूझना पड़ता है क्योंकि कस्बे में रोडवेज बसों का ठहराव नही होने की वजह से रोडवेज चालक बसों में सवारियां हाइवे पर ही उतारते एवं चढ़ाते है । कभी भी बालिकाओं के साथ दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है।
– रागिनी टेलर,छात्र

स्थानीय स्कूल में विज्ञान संकाय के साथ अन्य प्रायोगिक विषय भी खुलने चाहिए । जिससे छात्र छात्राओं के बाहर आने जाने के समय की बचत होगी एव साथ ही आर्थिक लाभ भी होगा।
– किंशु टेलर ,छात्र

विज्ञान संकाय खुलवाने के लिए विद्यालय स्तर के प्रस्ताव शिक्षा विभाग को प्रेषित किए गए हैं। यदि विज्ञान संकाय शुरू करने के आदेश प्रसारित किए जाते हैं तो यहां के छात्र-छात्राओं को अन्यत्र अध्ययन के लिए नहीं जाना पड़ेगा तथा गरीब तबके के छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक लाभान्वित हो सकेंगे।
– प्रधानाचार्य, शंकरलाल मीणा,राउमावि, पेच की बावड़ी

कस्बे के राउमावि में ग्राम पंचायत क्षेत्र सहित आसपास की ग्राम पंचायत क्षेत्र के गांवों से भी छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा एवं बच्चों को बाहर विज्ञान संकाय पढ़ाई के लिए नही जाना पड़ेगा।
– सीमा मीना,सरपंच ,ग्राम पंचायत पेच की बावड़ी 

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