सोनिया मिश्रा/चमोली. अक्सर आपने बच्चों को पढ़ते हुए, स्कूल जाते हुए तो सुना और देखा ही होगा लेकिन क्या आपने घर में बूढ़े बुजुर्ग महिलाओं,पुरुषों को पढ़ते देखा है? अगर नहीं तो यह रिपोर्ट आपके लिए है.उत्तराखंड में चमोली जिले मे अब कोई भी व्यक्ति निरक्षर नहीं रहेगा. इसके लिए जिला प्रशासन चमोली ने ‘समर्थ गांव योजना’ शुरू की है. जिसके तहत अब घर गांवों में मौजूद उन बुजुर्गों, निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने का काम किया जा रहा है जो किसी कारण वश पढ़ नहीं पाए थे.जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अप्रैल 2024 तक का लक्ष्य रखा है.
बता दें कि चमोली जिले की साक्षरता दर 82.65 प्रतिशत है. जिसमें बढ़ोतरी करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है. यह काम ज्ञान मित्रों के माध्यम से जिले के तमाम गांवों में किया जा रहा है. जिसमें कि स्कूल में पढ़ने वाले एनसीसी/एनएसएस के छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहें हैं. साथ ही इसके लिए ब्लॉक और संकुल स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशाला भी उपलब्ध कराया गया है.
21549 निरक्षर लोगों को किया गया चिन्हित
मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा संचालित समर्थ गांव योजना के तहत जनपद चमोली को अप्रैल 2024 तक शत प्रतिशत साक्षर जिला बनाने का लक्ष्य रखा गया है. जनपद की कुल साक्षरता दर 82.65 प्रतिशत है. जिसमें पुरूष साक्षरता 94.18 तथा महिला साक्षरता 73.20 प्रतिशत है. जिले में 1573 पुरूष तथा 19976 महिला सहित कुल 21549 निरक्षर लोगों को चिन्हित किया गया है.जिनको 5249 ज्ञान मित्रों के माध्यम से साक्षर बनाया जा रहा है.
आपसी सहमति के आधार पर होता है समय निर्धारण
समर्थ गांव योजना के तहत जनपद, ब्लाक एवं संकुल स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशाला के साथ पुस्तिका एवं स्टेशनरी भी उपलब्ध करायी गई है. गांव में शिक्षित व्यक्ति, आंगनबाडी कार्यकत्री, अध्यापक, विद्यार्थी, यूथ क्लब, स्वयं सहायता समूह ज्ञान मित्र के रूप में कार्य कर रहे है और सप्ताह में तीन दिन व्यक्तिगत रूप से शाम को आपसी सहमति के आधार पर समय निर्धारण कर निरक्षरों को पढ़ा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 21, 2023, 22:23 IST