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Dehradun News: अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने बताया कि स्कूली बच्चों की जून माह में गर्मियों की छुट्टियां होती है, जिसमें बच्चे कुछ अच्छा सीखना चाहते हैं, तो हम उन्हें गढ़वाली भाषा बोलना सिखाने का काम…और पढ़ें

गर्मियों की छुट्टियों में गढ़वाली भाषा सीखेंगे स्कूली बच्चे

देहरादून. उत्तराखंड की संस्कृति बहुत ही सुंदर है.गढ़वाली, कुमाऊंनी और जैसी आंचलिक भाषा बाहरी लोगों को भी पसंद आती है तो वहीं पहाड़ से जुड़े लोग हमेशा यह चाहते हैं कि उनकी संस्कृति की जड़े ऐसे ही फैलती रहे और पहाड़ की परंपराओं का पेड़ इस तरह ही लहलहाता रहे, इसके लिए जरूरी है कि भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति को न भूले और इसकी जड़ों से हमेशा जुड़े रहें. इसी कड़ी में गढ़वाल की भाषा को बढ़ावा देने के लिए अखिल गढ़वाल सभा एक पहल करने जा रही है. दरअसल, अखिल गढ़वाल सभा नौनिहालों को पहाड़ की भाषा सिखाने की तैयारी कर रही है. गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के पास काफी फ्री टाइम रहता है और आप भी चाहते होंगे कि आपके बच्चे के इस समय का सदुपयोग हो सके तो उसके लिए आपके बच्चों को आपकी अपनी गढ़वाली भाषा सीखने का मौका भी मिलेगा.

बीते रविवार को अखिल गढ़वाल सभा की नई कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सालभर में होने वाले कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई और इसी के साथ ही साल में होने वाली तमाम गतिविधियों का कैलेंडर भी जारी किया गया. इस इस कार्यकारिणी के विधि सचिव विकास ठाकुर और संगठन सचिव डॉ. सूर्यप्रकाश ने शपथ ली.

अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने बताया कि स्कूली बच्चों की जून माह में गर्मियों की छुट्टियां होती है जिसमें बच्चे कुछ अच्छा सीखना चाहते हैं तो हम उन्हें गढ़वाली भाषा बोलना सिखाने का काम करेंगे. इसके अलावा जिला स्तर पर साहित्य प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी जिससे बच्चों के भीतर साहित्य का प्रति रुझान को जागृत किया जा सके.

हर क्षेत्र में काम करने के लिए आगे आएंगे युवा

सभा द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा जिसमें हम जनसहभागिता कर सकें. उन्होंने कहा कि समितियां गठित की जाएंगी जो हर क्षेत्र में काम करेंगी. इनमें युवाओं को अंबेसडर बनाया जाएगा जो जन जागरूकता के लिए काम करेंगे. इसके अलावा दशहरे और दिवाली के बीच 10 दिन का कौथिक भी आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी.वहीं बसंत पंचमी, हरेला,चैत्र प्रतिपदा, घी संक्रांत और श्री देव सुमन जयंती जैसे विशेष दिवस और त्योहार मनाए जाएंगे.

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समर वेकेशन पर गढ़वाली भाषा सीख सकेंगे बच्चे, अखिल गढ़वाल सभा ने लिया फैसला

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