भारत समेत दुनिया भर में रोबोट-असिस्टेड सर्जरी के रफ्तार पकड़ने के साथ अब समय आ गया है कि सर्जरी के रिजल्ट में सुधार के लिए कटिंग एज प्रोसेस को यूज करते हुए सर्जनों को ट्रेन किया जाए.
अमेरिका बेस्ड वट्टीकुटी फाउंडेशन के सीईओ डॉ. महेंद्र भंडारी के अनुसार, हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि नई रोबोटिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है. सर्जरी के रिजल्ट के साथ-साथ सर्जन के सिखाने और ट्रेनिंग देने के स्किल को बेहतर बनाने के लिए ऑपरेशन से पहले, उसके दौरान और बाद में डेटा प्रिडिक्टिव मॉडल को रिकॉर्ड करना चाहिए.
डॉ. महेंद्र भंडारी ने कहा, “हम ट्रेंड ‘सर्जनों की टीमों को कटिंग एज प्रोसेस का इस्तेमाल करते हुए उनके सबसे एक्सट्राऑर्डिनरी सर्जिकल को प्रदर्शित करने वाली हाई-क्वालिटी, डिजिटल सबमिशन तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.”
वट्टीकुटी फाउंडेशन ने अपने ‘केएस इंटरनेशनल इनोवेशन अवार्ड्स इन रोबोटिक सर्जरी’ के 2024 एडिशन का भी ऐलान किया है.
मल्टी-डिसिप्लिनरी टेक्नोलॉजी कांपटीशन का दायरा दो अलग-अलग ट्रैक तक फैला है – रोबोटिक प्रोसीजर में नवाचार और प्रौद्योगिकी में नवाचार.
फाउंडेशन के अनुसार, रोबोटिक प्रोसीजर में नवाचार श्रेणी में प्रविष्टियां हृदय रोग, आम सर्जरी, स्त्री रोग, सिर और गर्दन, माइक्रोसर्जरी, अंग प्रत्यारोपण, आर्थोपेडिक्स, प्लास्टिक सर्जरी, बाल चिकित्सा (पेडियाट्रिक्स), यूरोलॉजी और अन्य क्षेत्रों से हो सकती हैं.
प्रौद्योगिकी में नवाचार श्रेणी के लिए प्रविष्टियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इमेजिंग मोडैलिटीज, रोबोटिक सिस्टम, टेली सर्जरी, ट्रेनिंग मोडैलिटीज, वर्चुअल रियलिटी और अन्य जैसे क्षेत्र शामिल होंगे.
साल 2015 में शुरू की गई यह कांपटीशन रोबोटिक सर्जनों, मेडिकल स्कूल फैकल्टी और स्टूडेंट्स के लिए खुली है, जो विश्व स्तर पर इस्तेमाल की जा रही टेक्नोलॉजीज और प्रोसीजर की करीबी से जानने का चांस देती है.
पिछले साल 2023 केएस इनोवेशन अवार्ड्स में 14 देशों के 429 सर्जनों ने 10 अलग-अलग स्पेशिफिकेशन में एंट्रीज पेश की थीं.
इस बीच, बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में ब्रैडी यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने कुशल रोबोटिक सर्जनों के मार्गदर्शन में यूरोलॉजी में अपने पहले ब्रैडी-वाटिकुटी रोबोटिक अकादमी मास्टरक्लास की घोषणा की है.
फाउंडेशन ने कहा, “13 मई से शुरू होने वाले, सप्ताह भर चलने वाले मास्टरक्लास में कई घंटों तक लाइव केस निगरानी, सिमुलेशन सेशन और विशेषज्ञों के साथ प्रॉक्टर के नेतृत्व वाली प्रोसिजरल ट्रेनिंग शामिल होगी.”
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