5 साल से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज गौचर,


सोनिया मिश्रा/चमोली/गौचर.राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना 1979-80 में हुई थी. जो उत्तराखंड के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है. लेकिन लगातार 2018 के बाद से कॉलेज में अध्यापकों की कमी बनी हुई है. जिसको देखते हुए छात्र-छात्राओं ने अब सड़कों पर आकर धरना-प्रदर्शन करना और ज्ञापन देना भी शुरू कर दिया है. बता दें कि वर्तमान समय में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज गौचर में कुल चार ब्रांच (सिविल, इलेक्ट्रॉनिक, आईटी, फार्मेसी) संचालित किए जा रहें हैं. जिसमें कि प्रत्येक ब्रांच में सिर्फ एक-एक ही अध्यापक तैनात किए गए हैं, जबकि प्रत्येक ब्रांच में तीन-तीन अध्यापकों की तैनाती होनी चाहिए थी. साथ ही इससे पहले अध्यापकों की कमी को पूरी करने के लिए कॉलेज में ऑनलाइन मोड में भी पढ़ाई करवाई गई थी लेकिन उससे भी छात्र-छात्राओं में मायूसी देखी गई थी. जिसका अब सभी ने खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है.

सिविल फोर्थ सेम के छात्र सचिन रावत बताते हैं कि कॉलेज में लगातार शिक्षकों की कमी बरकरार है. जिससे लगातार छात्र-छ्त्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि हमारे कॉलेज में जल्द से जल्द अध्यापकों की कमी को दूर किया जाए, जिसके लिए हमने एसडीएम कर्णप्रयाग कमलेश मेहता के माध्यम से तकनीकी शिक्षा मंत्री उत्तराखंड सरकार सुबोध उनियाल और मुख्यमंत्री धामी को ज्ञापन दिया है. और हमें भरोसा है कि हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

सड़कों पर आने के लिए किया गया मजबूर
साथ ही छात्रा कविता कहती है कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि हमारे कॉलेज में शिक्षकों की तैनाती हो और इसी मांग को लेकर आज हम सड़कों पर आने के लिए मजबूर हैं. साथ ही कहती है कि हम बेहद दूरस्थ क्षेत्रों से अपने घरों को छोड़कर, अपने अच्छे भविष्य के सपने लेकर कॉलेज में पढ़ने के लिए आए हैं लेकिन बिना अध्यापकों के हमें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए हमारी एक ही मांग है कि हमारी समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो.

अंतिम चरण में है अतिथि व्याख्याताओं की चयन प्रक्रिया
साथ ही राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज गौचर के प्राचार्य देवेन्द्र यादव बताते है कि हमारे कॉलेज में मौजूदा समय में 4 ब्रांच (सिविल, इलेक्ट्रॉनिक, आईटी, फार्मेसी) संचालित हो रही है. जिसमें से प्रत्येक ब्रांच में एक एक अध्यापक की तैनाती की गई है. जबकि प्रत्येक ब्रांच में 3 अध्यापकों की तैनाती होनी चाहिए थी. जो अभी रिक्त है. साथ ही बताते हैं कि हमारे द्वारा समय समय पर इसकी जानकारी निदेशालय भेजी गई थी और अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार अतिथि व्याख्याताओं की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है इसलिए हमें आशा है कि निश्चित तौर पर नए सत्र में हमें कॉलेज परिसर में सभी अध्यापकों की देखने को मिल जाएगी.

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