63 करोड़ की लागत से बने इस हॉस्पिटल में नहीं आता कोई मरीज, जानिए क्यों बना सफेद हाथी?


हाइलाइट्स

करोड़ों की लागत से तैयार बेस हॉस्पिटल बना सफेद हाथी!
महीने भर में इलाज के लिए नहीं आ पाया कोई एक मरीज.

पिथौरागढ़. करोड़ों की लागत से बना बेस हॉस्पिटल भले ही शुरू हो गया हो, लेकिन महीना भर गुजरने के बाद भी यहां एक अदद मरीज भर्ती नहीं हो पाया है. आधी-अधूरी तैयारियों के साथ शुरू हुआ बेस हॉस्पिटल सफेद हाथी तो साबित हो ही रहा है, साथ ही अब इस मुद्दे पर सियासत भी गर्मा रही है.

लाख दावों के बाद पिथौरागढ़ का बेस हॉस्पिटल पटरी पर नही आ पाया है. कहने को तो बीते 27 फरवरी को इसे शुरू किया जा चुका था, लेकिन हैरानी इस बात है कि एक महीने से अधिक का समय गुजरने पर भी यहां एक मरीज भर्ती नहीं हो पाया. 63 करोड़ की भारी-भरकम लागत से बेस हॉस्पिटल की सभी बिल्डिंग 18 साल में बनकर तैयार है. लेकिन, जरूरी मेडिकल स्टाफ के कमी के कारण मरीजों को इसका फायदा नहीं के बराबर मिल रहा है.

हालात तो ये हैं कि 270 बेड का बेस हॉस्पिटल सिर्फ दिखावे के लिए संचालित हो रहा है. ऐसे में विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा भी दिया जा रहा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता महेन्द्र लुंठी का आरोप है कि धामी सरकार बेस हॉस्पिटल के नाम पर लोगों को बरगला रही है. सरकार की मंशा पहाड़ों में हेल्थ सिस्टम सुधारने की नहीं है.

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बिना पदों की स्वीकृति के ही शुरू कर दिया बेस हॉस्पिटल
असल में बेस हॉस्पिटल के लिए 37 विशेषज्ञ डॉक्टर्स के साथ 215 कर्मचारियों का स्टाफ चाहिए, लेकिन अब तक यहां 5 डॉक्टर और कुछ संविदा कर्मचारी ही मौजूद हैं. हैरानी की बात ये भी है कि बिना पदों की स्वीकृति के मौजूदा स्टाफ को अन्य अस्पतालों से यहां काम चलाने के लिए भेजा गया है. ऐसे में हॉस्पिटल से सटे इलाकों के इक्का-दुक्का लोग ही यहां पहुंच पा रहे हैं.

यही नहीं कहने को तो बेस हॉस्पिटल का संचालन मेडिकल एजुकेशन विभाग कर रहा है. लेकिन, स्टाफ मेडिकल हेल्थ का तैनात किया गया है. सत्तापक्ष की गले की हड्डी बने बेस हॉस्पिटल को लेकर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी का कहना है कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीर है. सीएम के साथ हेल्थ मिनिस्टर से भी इस बारे में बातचीत हो रही है. जल्द ही बेस हॉस्पिटल को पटरी में लाया जाएगा.

असल में बेस हॉस्पिटल को पटरी पर लाने के लिए पदों की स्वीकृति जरूरी है, लेकिन सरकार बिना पदों की स्वीकृति के ही इसे चलाने का दावा कर रही है. ऐसे में कैसे बेस हॉस्पिटल तरीके से संचालित हो पाएगा कोई नहीं जानता. लेकिन, इतना तय है कि इस मुद्दे पर बीते 18 सालों से जारी सियासी घमासान आने वाले दिनों में भी देखने को जरूर मिलेगा.

Tags: Dehradun news, Pithoragarh news, Uttarakhand news

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