नैनीताल. लकड़ी काट रहे स्कूली बच्चों की तस्वीरें विवादों में ज़िले के उस गांव से आई हैं, जहां से विधायक राम सिंह कैड़ा का ताल्लुक है. मां-बाप का कहना है कि वो अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं कि वो पढ़ लिख कर कुछ बन सकें, लेकिन नैनीताल के ओखलकांडा के स्कूल में बच्चों के हाथों में कलम की जगह कुल्हाड़ी थमाई जा रही है. इस मामले में कई छात्रों के अभिभावकों ने शिकायत दर्ज करवाई, तो असर यह हुआ कि आरोपी शिक्षक को दूसरे गांव के स्कूल में अटैच कर दिया गया.
दरअसल ओखलकांडा के कैड़ागांव राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षक ने बच्चों से स्कूल के लिए चीड़ के सूखे पेड़ कटवाए. विवाद ने तब तूल पकड़ा, जब कुल्हाड़ी से मोटे तने के पेड़ काटते बच्चों का वीडियो वायरल होने लगा. इस वीडियो में स्टूडेंट पेड़ काटते हुए नज़र आ रहे हैं. यही नहीं, धारदार कुल्हाड़ी से जंगल में बच्चों से पेड़ कटवाने के खतरे को लेकर भी सवाल खड़े हुए. वीडियो वायरल होने के बाद कैड़ागांव कुकना बेटली बजवालगांव के अभिभावक न केवल परेशान हुए बल्कि लामबंद भी हो गए.
ग्रामीण हुए लामबंद तो यह हुआ एक्शन
अभिभावकों ने शिकायत दर्ज करते हुए आरोपी शिक्षकों के खिलाफ एक्शन लिये जाने की गुहार उच्च अधिकारियों तक लगाई. मामला ज़िले के मुख्य शिक्षा अधिकारी कुंवर सिंह रावत तक पहुंचा तो उन्होंने आरोपी सहायक अध्यापक हिंदी और प्रभारी प्रधानाचार्य छत्रपाल सिंह को अगले आदेश तक तल्लीपोखरी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में खाली पड़े पद पर अटैच करते हुए अध्यापन की ज़िम्मेदारी दी.
यानी कुल मिलाकर शिकायत होने पर एक्शन यह हुआ कि टीचर का कैड़ागांव से तबादला कर दूसरे गांव के स्कूल में पद दे दिया गया. आदेश में यह ज़रूर लिखा गया कि छत्रपाल को इस बदली के लिए कोई भत्ता नहीं मिलेगा. इस पूरे मामले में हमारे संवाददाता ने क्षेत्रीय विधायक कैड़ा से बातचीत करनी चाही, लेकिन उनके फोन पर संपर्क नहीं हो सका.
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Tags: Nainital news, Uttarakhand Education Department
FIRST PUBLISHED : July 20, 2022, 12:07 IST