हिमांशु जोशी/पिथौरागढ़. उत्तराखंड में अनेक प्राचीन धार्मिक स्थल हैं, इसीलिए इसको देवभूमि भी कहा जाता है. यहां के पहाड़ी इलाकों में देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. हर गांव के अपने अलग इष्टदेव होते हैं. यहां अनेकों अद्भुत प्राचीन मंदिर हैं. इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिनकी बनावट हैरत में डाल देती है. आज बात करते हैं ऐसे मंदिर की जहां सिर्फ बच्चे ही पूजा कर सकते हैं. इस मंदिर में बड़े उम्र वाले लोगों का प्रवेश वर्जित है.
यह मंदिर सीमांत जिले पिथौरागढ़ (Pithoragarh) के चीन सीमा के नजदीक दांतू गांव में है. इस मंदिर में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे ही जा सकते हैं, इस वजह से इसका नाम विद्या मंदिर रखा गया है. यहां आकर बच्चे जीवन में सफल होने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं और अच्छी शिक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं. इस मंदिर में अन्य उम्र के लोग नहीं जाते हैं.
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इस मंदिर को खास इसकी मान्यता बनाती है, क्योंकि सिर्फ बच्चों के लिए बना उत्तराखंड में यह एकमात्र मंदिर है. स्थानीय ग्रामीण हितेश दताल बताते हैं कि उनके गांव में इस मंदिर में सिर्फ बच्चे ही पूजा करते हैं क्योंकि इस दुर्गम क्षेत्र में रह कर शिक्षा पूरी करना यहां के विद्यार्थियों के लिए बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में विद्या मंदिर में बच्चे अच्छी विद्या प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. उनका कहना है कि जब वो भी स्कूल पढ़ते थे, तो इस मंदिर में रोज प्रार्थना करने आते थे. अब जबकि उनकी शिक्षा पूरी हो गई है तो उन्हें इस मंदिर में जाने की इजाजत नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : May 23, 2023, 10:50 IST