भारत में कहां है सबसे ज्‍यादा गुरुत्‍वाकर्षण बल, जहां की एनर्जी देख हैरान हुआ

By

Apr 12, 2024 #almora, #Almorah, #Best place in Uttarakhand for meditation, #Best places for meditation, #Binsar Wildlife Sanctuary, #highest gravitational force place in India, #India, #Kasar Devi, #Kasar Devi Almora, #Kasar Devi Binsar for Meditation, #kasar devi temple, #Kasar Devi Temple Binsar, #Maccu Picchu, #Machu Pichu Peru, #magnetic power, #Meditation at Kasar Devi, #NASA, #NASA surprised, #research, #Science, #Stonehenge, #Uttarakhand, #Van Allen Belt, #van allen radiation belt, #उत्तराखंड में स्थित कसार देवी मंदिर आखिर क्यों है इतना खास, #कंठेसरी माता मंदिर कहा है, #कसार अल्मोड़ा, #कसार देवी क्यों प्रसिद्ध है, #कसार देवी तापमान, #कसार देवी मंदिर का इतिहास, #कसार देवी मंदिर का रहस्य, #कसार देवी मंदिर के आसपास पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, #कसार देवी मंदिर कौन सी चोटी पर स्थित है, #कसार देवी मंदिर में कितनी सीढ़ियां हैं, #कसार पर्वत के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है, #काठगोदाम से कसार देवी कैसे पहुंचे, #जाखन देवी मंदिर, #नासा ने उत्तराखंड के कसार पर्वत पर शोध किया, #हिप्पी आंदोलन उत्तराखंड
भारत में कहां है सबसे ज्‍यादा गुरुत्‍वाकर्षण बल, जहां की एनर्जी देख हैरान हुआ


गर्मियों की छुट्टियों में अगर कैंचीधाम या नैनीताल घूमने जाने का प्‍लान बना रहे हैं तो अल्‍मोड़ा जाने पर आपको नया अनुभव हो सकता है. दरअसल, पूरी दुनिया में हर जगह पर गुत्‍वाकर्षण बल एक जैसा नहीं है. दुनियाभर में तीन जगह ऐसी हैं, जिनको जबरदस्‍त चुंबकीय शक्ति का केंद्र माना जाता है. इनमें से एक जगह भारत में उत्‍तराखंड राज्‍य के अल्‍मोड़ा जिले में है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जब अल्‍मोड़ा जिले में कसार पर्वत पर शोध व अध्‍ययन किया तो पता चला कि कसार देवी मंदिर के आसपास का पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्‍ट का हिस्‍सा है. शोध जब आगे बढ़ाया गया तो नासा कसार पर्वत की जबरदस्‍त कॉस्मिक एनर्जी देखकर हैरान रह गया.

नासा ने बताया कि कसार पर्वत की धरती में विशाल भू-चुबकीय पिंड हैं. इसी वजह से इस क्षेत्र में गुरुत्‍वाकर्षण बल बाकी जगहों के मुकाबले काफी ज्‍यादा है. नासा ने काफी समय तक कसार पर्वत पर वैन एलेन बेल्‍ट बनने की वजहों को जानने के लिए शोध किया. उत्‍तराखंड के कसार देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र के अलावा दक्षिण अमेरिका के पेरू में माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में काफी समानताएं हैं. तीनों जगहों पर चुंबकीय शक्ति का विशेष पुंज पाया गया है. ऐसे में तीनों जगह पर ध्‍यान करने से मानसिक शांति महसूस होती है.

अल्‍मोड़ा के कसार देवी मंदिर को कभी भी वैज्ञानिक नजरिये से अहमियत नहीं दी गई.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने चिह्नित कर लिखा जीपीएस-8
अल्‍मोड़ा के कसार देवी मंदिर को कभी भी वैज्ञानिक नजरिये से अहमियत नहीं दी गई. लेकिन, जब नासा ने इस क्षेत्र में भू-चुंबकीय प्रभाव को मान्यता दी तो अब काफी लोग यहां मेडिटेशन का अनुभव लेने पहुंचने लगे हैं. कसार देवी मंदिर परिसर में एक प्‍वाइंट जीपीएस 8 है. इसी के जरिये नासा ने ग्रेविटी प्‍वाइंट के बारे में बताया है. मुख्य मंदिर के द्वार के बायीं तरफ के स्‍थान को चिह्नित करते हुए नासा ने जीपीएस-8 लिखा है. स्‍थानीय लोगों के मुताबिक, कसार देवी मंदिर दूसरी शताब्दी का है. हर साल नवंबर से दिसंबर तक कसार देवी मेला लगता है.

ये भी पढ़ें – दुनिया का सबसे खतरनाक पर्यटन स्‍थल कहां है, जो कहलाता है धरती का आखिरी छोर

स्‍वामी विवेकानंद ने यहां की गुफा में किया था गहन ध्‍यान
कसार देवी के मौजूदा मंदिर को बिड़ला परिवार ने 1948 में बनवाया था. यहां 1950 के दशक में बनाया गया एक शिवमंदिर भी है. बताया जाता है कि स्वामी विवेकानंद 1890 में यहां आए थे. उन्‍होंने यहां की एक एकांत गुफा में गहन ध्यान किया था. उनके अलावा पश्चिमी देशों के बई साधक भी यहां आ चुके हैं. यह क्षेत्र क्रैंक रिज के लिए भी पहचाना जाता है. ये क्षेत्र 1980-90 के दशक के हिप्पी आंदोलन में बहुत प्रसिद्ध हुआ. कसार देवी मंदिर में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, तिब्बती बौद्ध गुरु लामा अंगारिका गोविंदा, पश्चिमी बौद्ध शिक्षक रॉबर्ट थुरुमैन भी आ चुके हैं. डीएस लॉरेंस, कैट स्टीवन्स, बॉब डिलान, जॉर्ज हैरिस, डेनमार्क के एल्फ्रेड सोरेनसन जैसी हस्तियां यहां आई हैं.

ये भी पढ़ें – दिल्‍ली आए थे यूपीएससी का इंटरव्‍यू देने, सांसदी का टिकट लेकर लौट पड़े घर, चुनाव में मिली…

kasar devi temple, highest gravitational force place in India, NASA, NASA surprised, kasar devi temple, magnetic power, नासा ने उत्तराखंड के कसार पर्वत पर शोध किया, कसार देवी मंदिर के आसपास पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, कसार पर्वत के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है, Science, Research, India, NASA, Uttarakhand, Kasar Devi, kasar Devi Temple, Almorah, van allen radiation belt, Maccu Picchu, Stonehenge, Science, Research, India, NASA, Uttarakhand, Kasar Devi

कसार देवी के मौजूदा मंदिर को बिड़ला परिवार ने 1948 में बनवाया था.

वैन एलेन रेडिएशन बेल्‍ट क्‍या है, कैसे बनती है ये बेल्‍ट
धार्मिक और पर्यटन के ही नहीं कसार देवी मंदिर वैज्ञानिक नजरिये से भी काफी इिलचस्‍प है. इसका संबंध पृथ्वी के ठीक बाहर मौजूद मैग्‍नेटोस्फियर से है. धरती के मैग्‍नेटोस्फियर के कारण भारी संख्या में एनर्जी से भरे हुए चार्ज्‍ड पार्टिकल्‍स की लेयर बनी हुई है. इसे ही वैन एलन रेडिएशन बेल्ट कहते हैं. नासा की रिसर्च पुष्टि करती है कि पृथ्वी का भू-चुबकीय क्षेत्र सौर पवन को रोककर ऊर्जावान कणों को बिखेरकर वायुमडंल को नष्ट होने से बचाता है. इस बेल्‍ट का नाम इओवा यूनिवर्सिटी के अंतरिक्ष विज्ञानी जेंस वैन एलन के नाम पर रखा गया है.

Tags: Almora News, Religious Places, Summer vacation, Tour and Travels, Tourism, Uttarakhand news

By

Leave a Reply