पिथौरागढ़: उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. पिथौरागढ़ जिला पहले से ही शिक्षकों की कमी झेल रहा है. वहीं, यहां से बाहर कई अध्यापकों का ट्रांसफर कर दिया गया. ऐसे में यहां अब और शिक्षकों की कमी हो गई है. जिसका सीधा असर छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है.
शिक्षा विभाग पर उठ रहा सवाल
पिथौरागढ़ में बगैर शिक्षकों की नियुक्ति किए ही उनका अन्य जनपदों में ट्रांसफर कर दिया गया. ऐसे में यहां विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. पिथौरागढ़ के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार जुकरिया से जब ट्रांसफर के सम्बंध में जानकारी मांगी गई तो काफी संख्या में शिक्षक जिले से बाहर जाने की बात सामने आई है.
296 शिक्षकों का हुआ तबादला
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में 157 प्रवक्ता पदों पर और 201 सहायक अध्यापकों के ट्रांसफर हुए हैं, जिसमें से 116 प्रवक्ता और 180 सहायक अध्यापकों को जिले से बाहर भेजा गया है. उन्होंने बताया की कई विद्यालयों में एक में ही 5 से ज्यादा शिक्षकों के ट्रांसफर हुए हैं, जिससे पठन पाठन कार्य काफी प्रभावित हुआ है.
पहले से ही शिक्षकों की है भारी कमी
गौरतलब है कि, जिले में पहले से ही शिक्षकों के 500 से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं और आये दिन सरकारी स्कूलों में टीचरों की तैनाती के लिए क्षेत्र की जनता सड़कों पर भी उतरने को मजबूर हुई है. ऐसे में सीमांत क्षेत्र धारचूला और मुनस्यारी की बात की जाए तो यहां की स्थिति और खराब है. इन इलाकों में महत्वपूर्ण विषयों के अध्यापक लंबे समय से नहीं हैं. शिक्षकों की तैनाती तो दूर जो शिक्षक यहां थे. उन्हें भी अन्य जिलों में भेजे जाने के बाद यहां के लोगों में काफी नाराजगी है.
FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 11:03 IST