शिक्षा के लिए संघर्ष: पिथौरागढ़ का एक ऐसा गांव जहां बच्चों के साथ स्कूल जाते हैं माता-पिता, जानें मामला


रिपोर्ट- हिमांशु जोशी

पिथौरागढ़. सीमांत जिले पिथौरागढ़ के विकासखंड मुनस्यारी में नापड़ ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले नैनीथल गांव के ग्रामीण अपने गांव में स्कूल खोलने की मांग को लेकर 120 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोनाकाल के बाद कम छात्र संख्या बताकर स्कूल को बंद कर दिया था, जिससे यहां के छात्रों को अन्य गांवों के स्कूलों में एडमिशन को मजबूर होना पड़ा. ग्रामीणों का कहना है कि दूसरे स्कूलों तक पैदल दूरी और जंगल का रास्ता होने के कारण अभिवावकों को अपने बच्चों के साथ स्कूल जाना पड़ रहा है, जिससे उनके दूसरे कार्य प्रभावित हो रहे हैं. साथ ही दो साल से स्कूल बंद होने के कारण स्कूल की बिल्डिंग भी जर्जर हो रही है, जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. ग्रामीणों ने नैनीथल प्राइमरी स्कूल को दोबारा खोलने की मांग की है, जिससे बच्चों को अपने गांव में ही शिक्षा मिल सके.

दरअसल सरकार के नए नियम के बाद जिन स्कूलों की छात्र संख्या 10 से कम है, उन्हें बंद करने का आदेश हुआ था. जिसके बाद से ही जिले के ऐसे कई दूरस्थ इलाकों के सरकारी स्कूल हैं, जो बंद हो चुके हैं. जहां के छात्र पैदल ही दूसरे गांवों के स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं.

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिया ये भरोसा
News 18 Local ने स्कूली बच्चों की समस्याओं को देखते हुए जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश चंद्र सती से बात की. उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए बताया है कि नैनीथल प्राथमिक विद्यालय में अगर छात्र संख्या 10 से ऊपर होती है, तो उनके द्वारा तुरंत स्कूल खोलकर शिक्षकों की व्यवस्था कर दी जाएगी. साथ ही उन्होंने स्कूल बंद होने के कारणों की भी जांच करने की बात कही है.

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