हिना आजमी/देहरादून.उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लगातार साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बीते कुछ दिनो में गोल्ड इन्वेस्टमेंट और क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट में ठगी के मामले सामने आए हैं. शातिर ठग व्हाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब और टेलीग्राम के माध्यम से भी लोगों को शिकार बनाते हैं. ऐसा न हो इसके लिए अब पुलिस साइबर ठगों के खिलाफ अभियान चला रही है. इसी के साथ ही आम जनता के लिए नई एडवाइजरी जारी की है.
देहरादून साइबर क्राइम पुलिस के उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा ने जानकारी दी है कि साइबर पुलिस स्टेशन में जितने केस आते हैं उनमें से करीब 80% वित्तीय फ्रॉड के होते हैं. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन ऐसे करीब 50 केस आते हैं, जिनमें वित्तीय फ्रॉड के मामले शामिल होते हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1930 का कंट्रोल रूम भी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मौजूद है. यहां 24 घंटे टीम साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए डटी हुई है. अंकुश मिश्रा ने बताया कि हाल ही में साइबर क्राइम को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है जिससे देहरादून की जनता को साइबर ठगों से बचाया जा सकेगा.
गोल्ड इन्वेस्टमेंट के नाम पर 15 लाख रुपए की ठगी
आपके शहर से (देहरादून)
उन्होंने बताया कि हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें गोल्ड इन्वेस्टमेंट के नाम पर 15 लाख रुपये की ठगी की गई. व्हाट्सएप के माध्यम से उनके पास कोई मैसेज आया था जिसमें एक लिंक दिया गया था जिसे ओपन करने पर जानकारी मिल रही थी कि आपके पैसे डबल किए जाएंगे. इसके बाद पीड़ित ने पैसा लगा दिया. इस तरह शातिर ठगों ने ठगी को अंजाम दिया.
गौरतलब है कि बीते कई दिनों में दून के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में वीडियो लाइक, गोल्ड इन्वेस्टमेंट और क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट से जुड़े कई मामले सामने आए हैं. लोगों को जागरूक करने के लिए देहरादून साइबर पुलिस स्टेशन और एसटीएफ द्वारा एडवाइजर जारी की गई है. इसके मुताबिक ठगी के तीन स्टेप्स होते हैं जिनमें धीरे-धीरे पीड़ित जालसाजी में फंसता चला जाता है.
धीरे-धीरे ऐसे व्यक्ति हो जाता है ठगी का शिकार
Step 1: रैंडम नंबर व्हाट्सएप / टेलीग्राम के जरिए मैसेज मिलते हैं जिनमें शातिर आपको कुछ यूट्यूब / वीडियो पसंद करने के लिए कहते हैं और प्रत्येक के लिए 50 रुपए की इनकम का लालच दिया जाता है. जैसे- पीड़ित को वीडियो पसंद का स्क्रीनशॉट भेजने के लिए कहा जाता है और पेमेंट के लिए यूपीआई आईडी मांगी जाती है और शुरुआत में 150-200 रुपए दिए जाते.
Step 2: अब पीड़ित को एक मैनेजर से मिलने के लिए टेलीग्राम पर आने के लिए कहा जाता है और दूसरों को ग्रुप में शामिल करके ज्यादा पैसा बनाने का लालच दिया जाता है.जहां हर 2-3 लोगों शामिल होने के लिए, एक निश्चित कमीशन दिया जाता है. व्यक्ति का भरोसा जीतने के लिए उसके अकाउंट में 10 से 15 हजार का भुगतान भी किया जाता है.
Step 3: अब पीड़ित के साथ यूपीआई ID या क्रिप्टो वॉलेट शेयर किए जाते हैं और उनसे लाखों का निवेश कर बड़े अमाउंट कमाने का ऑफर दिया जाता है. ऐसे में व्यक्ति को लालच दिया जाता है कि उसे कैश विद्रोह के लिए कम से कम क्रेडिट पॉइंट की जरूरत होगी. बड़े अमाउंट के लालच में आकर पीड़ित फर्जी निवेश घोटाले के जरिए लाखों रुपए का भुगतान करता है और अपनी कमाई भी खो बैठता है.
साइबर ठगों का शिकार होने से ऐसे बचें-
1. किसी भी निवेश योजना की पेशकश करने वाले सोशल मीडिया पर किसी भी रेंडम नंबर को तुरंत रिपोर्ट करें और ब्लॉक करें
2. किसी भी व्यक्ति के साथ अपने लेनदेन या इंटरनेट गतिविधि (Likes etc) के स्क्रीनशॉट साझा ना करें. साथ ही, अपने क्रेडेंशियल्स को किसी के साथ ऑनलाइन शेयर न करें.
3. प्रोजेक्ट मैनेजर, टीचर या ट्रेनर के साथ किसी भी निवेश घोटाले से सावधान रहें.
4. इंटरनेट कॉल के आधार पर किसी भी योजना में निवेश न करें.
5. हमेशा फिजिकल वेरिफिकेशन से कंपनी / योजना का सत्यापन करें और अपराधियों द्वारा भेजे गए स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें.
अगर कोई व्यक्ति किसी भी साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करवाना चाहता है, तो एनसीआरपी पोर्टल www.cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर सकता है.
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FIRST PUBLISHED : May 16, 2023, 16:27 IST