देहरादून. उत्तराखंड समेत पूरे देश में सालभर में सड़क हादसों में हजारों लोगों की मौत हो जाती है. यातायात नियमों को तोड़ने के चलते ही ज्यादातर हादसे होते हैं. अपनों के दूर जाने का गम क्या होता है, यह वही लोग जान सकते हैं, जिन्होंने सड़क हादसों में किसी और की गलती की वजह से अपनों को खोया होता है. ऐसे ही कहानी है देहरादून की इशिता की, जिन्होंने अपने चाचा को एक सड़क हादसे में खो दिया था. अपने चाचा की मौत के बाद उन्होंने संकल्प लिया कि वह हर संभव कोशिश करेंगी कि किसी के भी परिवार का सदस्य इस तरह सड़क हादसे का शिकार न हो.
देहरादून की रहने वालीं इशिता ने लोकल 18 से कहा कि बहुत साल पहले उनके चाचा का एक्सीडेंट हो गया था. सभी ने उन्हें बचाने के लिए हर प्रयास किया लेकिन वह बच न सके और उनके चाचा असमय दुनिया को अलविदा कह गए. इसके बाद उन्होंने अपनी बहन अंजलि के साथ मिलकर ‘श्रद्धांजलि’ नाम से एक संस्था शुरू की, जिसके माध्यम से वह सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं. इशिता अपनी संस्था से जुड़े वॉलंटियर्स के साथ मिलकर राहगीरों को रेड लाइट जंप, रोडरेज, रैश ड्राइविंग समेत अन्य ट्रैफिक नियमों का पालन न करने के नुकसान समझाती हैं. वे लोग जनता को जेब्रा क्रॉसिंग, यातायात के प्रतीक चिह्न बताने समेत ट्रैफिक रूल्स का पालन करने की सीख देते हैं. साथ ही वे स्कूल और कॉलेजों में जाकर भी वर्कशॉप करके सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाते हैं.
इशिता की संस्था में स्कूली बच्चे भी शामिल
इशिता की संस्था ‘श्रद्धांजलि’ की खास बात यह है कि इसमें सिर्फ युवा ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चे भी अपना सहयोग दे रहे हैं. उन्होंने अपनी टीम में 10 से 12 साल के स्कूली बच्चों को बतौर वॉलंटियर जोड़ा है, जो सड़कों पर उतरकर लोगों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाते हैं. इशिता का कहना है कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे देश की भावी पीढ़ी हैं और कुछ बदलाव लाने के लिए इन्हें अभियान से जोड़ना बहुत ज्यादा जरूरी है. हम स्कूलों में जाकर बच्चों को ट्रैफिक नियमों से जुड़ी जानकारी देते हैं, तो वे अपने घर जाकर अपने अभिभावकों से इस बात को साझा करते हैं और फिर जब भी वे अपने पैरेंट्स के साथ बाहर जाते हैं, तो टू-व्हीलर में हेलमेट पहनकर और कार में सीट बेल्ट लगाकर ही जाते हैं. उनका यह अभियान आगे भी ऐसे ही जारी रहेगा.
Tags: Dehradun news, Local18, Road Safety, Road Safety Tips, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : January 5, 2025, 17:55 IST