पिछले 5 दिनों से नैनीताल पानी के संकट झेल रहा है दिन हो रात पानी का चिंता वो भी तब जब बारिश हो रही है और तालाब लबालब है. पूरा सिस्टम लग गया लेकिन पानी की बूंद तक नहीं टपकी अब एडीबी के कामों पर सवाल तो हैं और भविष्य की चिंता भी बन रही है. हालांकि नैनीताल में पानी के संकट से अब तक करोड़ों का नुकसान पर्यटन कारोबार में हो गया है , तो अस्पतालों में भी जल संकट इस पाइपलाइन के टूटने से बन गया. वहीं इस मामले में हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जल संस्थान से पूछा क्यों पानी की समस्या बनी है? क्यों ये सब ठीक हो सका है? जल संस्थान के वकीलों ने कहा कि 4 बजे तक पानी सुचारू कर दिया जाएगा. कोर्ट के आदेश के बाद कई इलाकों में पानी आ गया है.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा है कि अगर पानी की किल्लत बनी रहेगी तो कल फिर याचिका को कोर्ट में मेंशन कर सकते हैं. कोर्ट को बताया गया कि 5 दिनों से पानी कि किल्लत है और पानी नहीं होने के चलते लोग तो परेशान हैं ही और अस्पतालों में इलाज के दौरान भी दिक्ततें आने लगी है. कोर्ट ने अस्पताल को तत्काल पानी देने के निर्देश दिया है. आपको बता दें कि पिछले 5 दिनों से नैनीताल में पानी की दिक्कतें बनी हुई हैं लोग दूर दराज से पानी ला रहे हैं जिसके चलते लोगों में आक्रोश है. अब कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया है.
दरअसल, नैनीताल में पानी के लिये त्राहिमान मचा है. बारिश और झील लबालब होने के बाद भी जनता प्यासी है तो प्राकृतिक जल स्त्रोतों से घंटों इंतजार के बाद पानी मिल रहा है. लोग रात 2 बजे तक पानी भर रहे हैं तो स्कूली बच्चे भी सुबह स्कूल से पहले घर का पानी भरकर जा रहे हैं. फ्लैट्स मैदान में पाइपलाइन टूटने के बाद नैनीताल के अधिकांश इलाकों में ऐसा ही संकट बना है. 5 दिनों तक पानी की बूंद नल से नहीं टपकी है, तो लोगों में अब आक्रोश है और भविष्य के लिए भी ऐसा ही संकट लोगों के सामने दिख रहा है, लेकिन मजाल है जल संस्थान इन लोगों की सुध ले सका है.
नैनीताल में रहने वाली कविता कहती हैं कि पिछले 5 दिनों से पानी नहीं आया और दो बार लाइन टूट गई. जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं और जैसा काम जल संस्थान ने किया उसकी जांच होनी चाहिए. आज तो पानी का जल स्रोत है लेकिन कल अगर ये बंद हो गया तो कहां से पानी लेकर आएंगे. वहीं सामंत कहते हैं कि एडीबी द्वारा पाइलाइन इतनी घटिया बिछा दी है कि हर साल लाइन टूट रही है पिछले साल 5 दिन में पानी नहीं मिला और आज भी पानी का संकट है. जब अधिकारियों को फोन मिलाएं तो उनके फोन बंद आते हैं.
नैनीताल में पानी की है इतनी खपत..
दरअसल, नैनीताल में पहले पर्यटन सीजन के दौरान पर्यटकों और स्थानीय के दवाब में 16 एमएलडी पानी की खपत होती थी लेकिन अब इसमें कटौती कर 10 एमएलडी कर दिया गया है. ऐसा होने पर पानी की व्यवस्था सुधार के लिए 70 करोड़ खर्च कर लाइन बिछाई, तो वो अब शहर के लिए जी का जंजाल बन गई. 2019 से हुए काम के बाद 5 बार पाइपलाइन टूटने से शहर पानी ने पानी का संकट झेला तो वहीं डीआई पाइप लगाने पर भी एडीबी पर सवाल उठ रहे हैं. इन पाइप लाइन पर ना तो वेल्डिंग हो पाती है ना ही किसी कैमिकल से ये जुड़ पाते हैं और भूकटाव वाले इलाकों के लिये तो ये समाधान के बजाए समस्या हैं, हालांकि नैनीताल में टूटी लाइन के बाद प्रशासन ने अब ठेकेदार पर मुकदमा कर दर्ज किया गया है, तो हाईकोर्ट ने भी अब फटकार लगाई है. वहीं डीएम अब एडीबी की लाइनों पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.
नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने कहा कि पानी की आपूर्ति सुचारू हो जाएगी और जो बार-बार पाइप लाइन टूट रही है और जो लाइन बिछ गई है उन इलाकों में अब बिना अनापत्ति के वहां काम नहीं होंगे.
हाईकोर्ट पहुंचा मामला तो अधिकारी हुए तलब
नैनीताल में पाइपलाइन टूटने और जल संकट का मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा. हाईकोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाई और पानी कब तक आने का सवाल किया, जिसके बाद जल संस्थान के वकील ने कोर्ट को 4 बजे तक पानी आने की बात कही, कोर्ट में आज मेंशन की गई याचिका में कहा गया कि पूरा नैनीताल शहर पानी का संकट है तो पर्यटकों और लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. वहीं अस्पतालों में भी पानी नहीं होने से इलाज तक नहीं हो पा रहा है. जू में भी पानी की दिक्कतें हो रही हैं. कोर्ट ने अस्पतालों और लोगों को पानी जल्द देने के निर्देश दिये और टैंकरों से पानी देने के निर्देश दिये हैं.
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Tags: Nainital news, Water Crisis
FIRST PUBLISHED : June 26, 2023, 17:08 IST