रंग-बिरंगी रोशनी से सजा ऋषिकेश का प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर, मधुबन आश्रम सबसे अलग


ऋषिकेश. देशभर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. साल 2024 में यह पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा. इस त्योहार के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह देखा जाता है, जिसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है. बाजार और मंदिरों में विशेष सजावट की गई है. मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और सजावटी सामान से सजाया जा रहा है. वहीं उत्तराखंड के ऋषिकेश में मधुबन आश्रम में भी जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.

मधुबन आश्रम के प्रधान सेवक प्रेमानंद ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि जन्माष्टमी का यह पर्व हर साल देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जो हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को समृद्ध बनाता है. ऋषिकेश के मधुबन आश्रम में भी बड़ी धूमधाम से यह त्योहार मनाया जाता है, जिसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है. ऋषिकेश का मधुबन आश्रम पूरे उत्तराखंड में भगवान कृष्ण और मां राधा का सबसे अद्भुत व प्रसिद्ध मंदिर है. यहां प्रतिदिन सुबह-शाम भव्य आरती होती है, जिसमें देश-विदेश से आए लोग भाग लेते हैं. इस मंदिर की स्थापना सन् 1987 में हुई थी. यह मंदिर पूरे उत्तराखंड में भगवान कृष्ण की भक्ति का प्रचार करता है, साथ ही भारत के आध्यात्मिक ग्रंथ जैसे भागवत गीता का भी प्रचार करता है.

मधुबन आश्रम में जन्माष्टमी की धूम
उन्होंने आगे कहा कि यहां पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव तीन दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें स्थानीय लोग और स्कूली छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल होते हैं. इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें कई स्कूलों के छात्र-छात्राओं की प्रतियोगिताएं होती हैं और ये सभी प्रतियोगिताएं श्रीकृष्ण पर आधारित होती हैं. सभी छात्र-छात्राओं जन्माष्टमी को लेकर काफी उत्साह में रहते हैं और वे इस पर्व का पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं. मधुबन आश्रम में आयोजित कृष्ण जन्मोत्सव को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां के आयोजन को देखने के बाद ऐसा महसूस होता है कि मानो भगवान श्रीकृष्ण स्वयं उनके सामने प्रकट हो गए हों. इस दौरान मंदिर और पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो जाता है.

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