हिमांशु जोशी/ पिथौरागढ़ . उत्तराखंड के विद्यालयों में सरकारी स्कूलों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. लेकिन कहते हैं न समाज को बदलना है तो पहले खुद को बदलना पड़ता है. उत्तराखंड में ऐसे ही शिक्षा के स्तर को बढ़ाने का काम किया है आदर्श प्राथमिक पाठशाला गुरना के प्रधानाध्यापक सुभाष जोशी ने. जिन्होंने बंद होने की स्थिति से स्कूल को निकालकर आज अन्य विद्यालयों और शिक्षकों के लिए एक मिसाल कायम की है. जिनके प्रयास से आज गुरना प्राथमिक पाठशाला पूरे उत्तराखंड में बेहतर शिक्षा के लिए जाना जाता है, जहाँ बिना किसी विभागीय मदद के शिक्षा के मंदिर में ऐसी अलख जगी जो आज बड़े बड़े प्राइवेट स्कूल भी नहीं दे पाए है. सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को एक अलग ही मुकाम तक पहुंचाने वाले इस विद्यालय से जुड़े लोगों के प्रयास समाज मे उदाहरण बनकर सामने आए है. जहां बेहतर शिक्षा के साथ बच्चों के भविष्य के लिए एक बढ़िया आधार बनाया जा रहा है.
जनपद पिथौरागढ़ का आदर्श प्राथमिक विद्यालय गुरना जो कभी कम छात्र संख्या के कारण बन्द होने की कगार में पहुँच गया था. जिसने आज आदर्श विद्यालय बन उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा को एक अलग ही स्तर में पहुँचा कर अन्य स्कूलों को भी आयना दिखाने का काम किया है. यह सब मुमकिन हुआ विद्यालय के प्रधानाचार्य सुभाष जोशी की दूरगामी सोच और मेहनत से. 2015 में जहाँ इस विद्यालय में 13 बच्चे पड़ा करते थे आज 250 से ज्यादा छात्र यहां हैं. सुविधाओं की बात करें तो आपको यहां हर क्लास स्मार्ट क्लास दिखेगी जिसमें ऐसी ड्ड सी भी लगे हुए है, बच्चों को लाने ले जाने के लिए स्कूल बस है जो किसी भी अन्य सरकारी स्कूलों में नहीं,एल के जी, यू के जी के बच्चों के लिए स्पेशल स्टाफ और टीचर जिससे बच्चों को स्कूल आने में मजा आने लगे और उनकी पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़े.
यह उत्तराखंड का पहला ऐसा स्कूल होगा जहां रविवार के अलावा अन्य कोई अवकाश नहीं होता. बच्चों के लिए रविवार को भी प्रतियोगी परीक्षाओं की क्लास लगाई जाती है जिसका परिणाम यह रहा कि इस साल पहली लिस्ट से 7 बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय में हो चुका है विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा अभी तक कोई छुट्टी नही ली गयी है, बच्चों को गुणवत्ता के साथ शिक्षित करने की पहल का ही नतीजा है कि पिछले 5 सालों में 43 बच्चों का इस स्कूल से नवोदय के लिए चयन हो चुका है। हमने बात की विद्यालय के प्रधानाचार्य सुभाष जोशी से जिन्होंने अपने विचार न्यूज़18 लोकल के माध्यम से साझा किये जिसमें उन्होंने छात्रों को बेहतर शिक्षा देने को अपना कर्तव्य मानते हुए आजीवन छात्रों के उज्वल भविष्य पर काम करने की बात भी कही है, विद्यालय में महत्वपूर्ण विषयों के अध्यापक ना होने के बाद भी उनकी पत्नी भी यहां बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रही हैं।
सुभाष जोशी की इस मेहनत से अभिवावक काफी गदगद है, अब अभिवावकों और समाज सेवियों की मदद से स्कूल को सड़क से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है ताकि भविष्य में अधिक से अधिक बच्चों के शिक्षा के स्तर को मजबूत किया जा सके, स्कूल का माहौल देखकर अभिवावक अपने बच्चों को प्राथमिक विद्यालय गुरना में एडमिशन दिला रहे है , विद्यालय में महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे है बावजूद इसके अपने प्रयासों से शिक्षकों की कमी को पूरा किया गया है,अभिवावकों का मानना है कि इस विद्यालय में एडमिशन के बाद बच्चों के मानसिक स्तर में बदलाव आया है और बच्चें खुशी खुशी विद्यालय पढ़ने जाते है।
एक शिक्षक ही समाज को बदल सकता है, शिक्षक की क्रिया और व्यवहार का प्रभाव उसके विद्यार्थियों,विद्यालय और समाज पर पड़ता है।इस दृष्टि से कहा जाता है कि एक बेहतर राष्ट्र निर्माण में अध्यापक की अहम भूमिका होती है, आदर्श प्राथमिक पाठशाला गुरना के प्रधानाचार्य, अध्यापकों और अभिवावकों ने अपने कर्तव्यों को निभाते हुए शिक्षा के मंदिर की तस्वीर ही बदल डाली जो एक सभ्य और शिक्षित समाज की कल्पना करने के लिए बेहद जरूरी है।
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FIRST PUBLISHED : May 02, 2023, 15:31 IST