महात्मा गांधी के आदर्शों को अपनाते हुए छात्रों ने चरखा चलाने का भी अनुभव लिया
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (SGRRU) ने अपने यहाँ छात्रों के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें यार्न कताई प्रशिक्षण और खादी पर निबंध प्रतियोगिता भी शामिल थी। यह कार्यक्रम महात्मा गांधी के सिद्धांतों और विचारों को पुनः जीवित करने करने की दिशा में एक उत्कृष्ट प्रयास था। महात्मा गांधी ने चरखा और खादी को स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक बनाया था, औरवे मूल्य आज भी उनके आदर्श हमारे जीवन में प्रासंगिक हैं।
आयोजन की प्रमुख बातें
इस कार्यक्रम का आयोजन SGRRU के मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकाय श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय द्वारा किया गया था। इस आयोजन में खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के राज्य कार्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 30 जुलाई 2024 को आयोजित इस निबंध प्रतियोगिता में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध लिखे गए, जिनमें शामिल थे:
- महिला सशक्तिकरण
- आधुनिक युग में खादी फैशन
- नया भारत और नई खादी
- अंतरिक्ष में भारत
इन विषयों पर लिखे गए निबंधों ने छात्रों के ज्ञान और सोचने की क्षमता को उजागर किया। प्रत्येक निबंध में छात्रों ने अपने विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया और खादी के महत्व को समझाया।
यार्न कताई प्रशिक्षण सत्र
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यार्न कताई प्रशिक्षण रहा । छात्रों ने चरखा चलाना सीखा और यार्न कताई की प्रक्रिया की बारीकी को समझा। यह प्रशिक्षण न केवल छात्रों को तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और स्वदेशीता के महत्व को भी समझाता है। छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ इस प्रशिक्षण सत्र में भाग लिया और महात्मा गांधी के आदर्शों को करीब से महसूस किया।
प्रो. डॉ. गीता रावत के विचार
इस अवसर पर मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन, प्रो. डॉ. गीता रावत ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने गांधी जी के विचारों और खादी के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. रावत ने कहा, “महात्मा गांधी ने खादी को आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनाया था। आज भी खादी हमारे देश की पहचान है और हमें इसे आगे बढ़ाना चाहिए।उन्होंने छात्रों को विद्यार्थियों को जीवन में सदा जीवन ऊचा विचार के सिद्धांत को अपनाने पर जोर दिया I
छात्रों की प्रतिक्रियाएँ
इस कार्यक्रम के बाद छात्रों ने अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कीं। एक छात्र ने कहा, “यह कार्यक्रम हमारे लिए बहुत ही शिक्षाप्रद था। हमने यार्न कताई और खादी के महत्व को समझा। गांधी जी के विचार आज भी हमारे जीवन में प्रासंगिक हैं।”
एक अन्य छात्रा ने कहा, “इस प्रकार के कार्यक्रम हमें हमारे इतिहास और संस्कृति से जोड़ते हैं। हम गर्व महसूस करते हैं कि हम गांधी जी के आदर्शों को अपनाने का प्रयास कर रहे हैं।”
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए एक शिक्षाप्रद अनुभव था, बल्कि यह हमारे समाज के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है। इस प्रकार के आयोजन छात्रों को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों से भी अवगत कराते हैं। गांधी जी के विचारों को पुनः जीवित करना और खादी के महत्व को समझाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय समय समय पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता रहता है श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय का छात्रों को उनके समाज और संस्कृति के प्रति जागरूक का हमेशा प्रयासरथ है I
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